Thursday, December 18, 2025
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प्रदुषण पटाखे मुक्त व स्व्च्छता युक्त दीपावली

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आज साईं कृपा सोशल वेलफेयर सोसाइटी द्वारा दीपावली पर्व से पूर्व  “प्रदुषण पटाखे मुक्त व स्व्च्छता युक्त दीपावली ” विषय पर निबंध प्रतियोगिता व संगोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन लखनऊ एकेडमी हाईस्कूल ,त्रिवेणी नगर में किया गया । कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सलहाकार श्री ए .के. जयसवाल ने किया ं। निबंध प्रतियोगिता में कक्षा पाच से दस तक के छात्र /छात्रों ने भाग लिया जिसमे  प्रथम पलक गौतम, दिव्तीय अजीत रावत ,तृतीय स्थान सोमिल सिंह तथा निधि विश्वकर्मा, लक्ष्मी, सौम्या कश्यप ,विवेक शर्मा , साक्षी पाण्डेय को बेस्ट क्लास के प्रमाण पत्र देकर मुख्य अतिथि जी के द्वारा  सम्मानित किया गया ।
छात्र /छात्रों को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सलहाकार श्री ए .के. जयसवाल ने  कहा की जरूरी नहीं है पटाखे जलाकर ही दिवाली मनाई जाए तो ही मजा है। देश में ही नहीं विदेश में भी रहने वाले कई भारतीय लोग दिवाली अलग तरह से मनाना पसंद करते हैं। कई लोग घर में मिठाइयां अच्छे पकवान बनाकर पड़ोसियों और अपने नाते रिश्तेदारों को घर पर बुलाकर जश्न मनाते हैं। आस पड़ोस में गंदगी को भी साफ करें। साफ सुथरा होगा तो माहौल खुशियों से भरा महसूस होगा। वायु प्रदूषण दीवाली का मजा पटाखों की फोड़ में निहित है. और नतीजा जबरदस्त वायु प्रदूषण है ।
संस्था के प्रबंधक / सचिव रोहित कुमार कश्यप ने कहा की स्वतन्त्रता के 70 वर्ष पूरे हो गए हैं भारत विकासशील देश से विकसित देश की ओर तेजी से बढ़ रहा है। भारत गांवों का देश रहा है पर आज के संचार युग में भारत का पिछड़ा गांव भी ग्लोबल विलेज में बदल गया है। एक क्लिक पर भारत विश्व के किसी भी कोने से जुड़ जाता है। भारत हर तरफ आगे बढ़ रहा है। बाजारवाद में भारत ने खुद को स्थापित कर लिया है पर भारत आज भी एक बड़ी चीज से निजात नहीं पा सका है जिसे गंदगी कहें, कचरा या प्रदूषण। भारत के जिस भी हिस्से में हम देखें हमें गंदगी का अम्बार दिखाई देता है। हम ये शपथ करे की हम भारत को स्वच्छ बनाने में सक्रिय भागीदारी निभाएंगे और इस दीपावली प्रदुषण पटाखे मुक्त व स्व्च्छता युक्त दीपावली मनाएंगे ।
सामाजिक कार्यकर्ता ठा.श्रीश सिंह ने कहा की दिवाली को स्वच्छता का त्योहार माना जाता है, लेकिन आतिशबाजी के कारण इस त्योहार का मतलब बदलता जा रहा है। पटाखों से निकलने वाले जहरीले गैस पर्यावरण को तो नुकसान पहुंचा ही रहे हैं साथ ही इससे आग लगने व शरीर को भी क्षति पहुंचने का खतरा बना रहता है। इस दिवाली पटाखों को ना कह कर हम प्रदूषण मुक्त त्योहार मना सकते हैं।
लखनऊ एकेडमी हाईस्कूल के प्रबंधक डॉ पंकज त्रिपाठी ने कहा की दीपावली  रोशनी का त्योहार है। हमें बिना प्रदूषण फैलाए रोशनी के इस पर्व को मनाना चाहिए। पटाखों से ध्वनि और वायु प्रदूषण होता है, इस दिवाली हमें एक-दूसरे से व्यक्तिगत तौर पर सामूहिक रूप से दिवाली मनानी चाहिए। 
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