जशने मौलूद ए काबा का हुआ आयोजन

0
210

हज़रत अली के जन्मदिन पर विशेष कार्यक्रम
https://youtu.be/GPdvRr2FHvM
गोरखपुर। हज़रत अली के जन्मदिन पर आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों की श्रृंखला में एक विशेष कार्यक्रम जश्ने मौलूद ए काबा का आयोजन रविवार को इमामबाड़ा आगा साहेबान में अंजुमन हुसैनिया के जानिब से हुआ। पुरे दिन चले इस कार्यक्रम की शुरुआत तिलावत ए क़ुरान से हुई। इस अवसर पर पहले वक्ताओं ने हज़रत अली के जन्म और इस्लाम धर्म में उनकी मान्यता को लेकर अपने अपने विचार रखे। इसके बाद नातिया मुशायरे का दौर शुरू हुआ जो शाम तक चलता रहा। इस कार्यक्रम में विशेष रूप से शहंशाह मिर्जापुरी, मुजीब सिद्दीकी गोंडवी, आमिर गोपालपुरी, खादिम शब्बीर नसीराबादी, जौहर नक़वी शिकारपुरी के अलावा स्थानीय आगा मेंहदी एडवोकेट, ई0 कैसर रिज़वी ने अपने कलाम पेश किये। निज़ामत शिया जामा मस्जिद के इमाम जुमा व जमात मौलाना शबीहुल आज़मी ने किया जबकि एजाज़ रिज़वी एडवोकेट ने इस आयोजन का संचालन किया। नातिया मुशायरे में स्थानीय आगा मेंहदी एडवोकेट ने कहा “जब अज़ाखाने में आया तो हुआ महसूस ये, आ गया हूँ मैं करबोबला के सामने”। ई0 कैसर रिज़वी ने अपने तरही कलाम से खूब वाह वाही लूटी, उन्होंने कहा कि “सर झुका दो तुम दरे मुश्किल कुशा के सामने, जाव गे किस मुँह से वरना किबरिया के सामने”। मिर्ज़ापुर से आये शायर शहंशाह मिर्जापुरी ने कहा कि “आशिक़ ए हैदर का ये मेयार होना चाहिए, मुफलिसी में भी उसे खुद्दार होना चाहिए”। जौहर नक़वी शिकारपुरी ने अपने कलाम “रोटियां लेकर अली के घर से कहते थे मलक, कुछ नही जन्नत के मेवे इस ग़िज़ा के सामने” पढ़ कर महफ़िल में जोश भर दिया। कार्यक्रम के समापन पर कन्वेनर व अंजुमन हुसैनिया के सिब्ते हसन रिज़वी ने आये हुए मेहमानों का शुक्रिया अदा करते हुए समापन की घोषणा की। इस अवसर पर आमिर,सलमान, हुसैन और मोहसिन रज़ा का विशेष योगदान रहा।

Also read

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here