Sunday, April 28, 2024
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HomeEditorial'कठुआ, उन्नाव और अब एमजे अकबर पर PM मोदी की ख़ामोशी'

‘कठुआ, उन्नाव और अब एमजे अकबर पर PM मोदी की ख़ामोशी’


भारत के तकरीबन हर दुसरे नागरिक की ज़ुबान पर एक ही सवाल है कि कठुआ रेप कांड, उन्नाव गैंग रपे से लेकर विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर पर लगे आरोपों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुप क्यों रहते है. इस सवाल का जवाब किसी के पास नहीं है.

जम्मू कश्मीर के कठुआ में 8 वर्ष की बच्ची के बलात्कार और क़त्ल के मामले में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेताओं ने उन लोगो की अगुवाई की जो आरोपियों के पक्ष में रैली निकाल रहे थे लेकिन केंद्रीय और राज्य सरकार बेखबर रही. उत्तर प्रदेश के उन्नाव ज़िले में होने वाली बलात्कार की वारदात पर भी भारतीय जनता पार्टी और राज्य की योगी सरकार का रवैया समरूप रहा.

उन्नाव में एक लड़की के साथ बलात्कार के मामले में CBI ने अपनी जांच में आरोपी भारतीय जनता पार्टी से विधायक कुलदीप सेंगर के खिलाफ सबूत जुटाए, लेकिन कुलदीप अभी भी विधायक के पद पर बने हुए और पार्टी का हिस्सा भी है.

सरकार बेटी बचाव बेटी पढ़ाओ का नारा तो ज़रूर देती है लेकिन महिलाओं की सुरक्षा के प्रति मोदी सरकार क्या वाक़ई चिंतित है. इस सवाल का जवाब कोई नहीं दे रहा है. BJP के बड़े बड़े प्रवक्ता टीवी चैनलों पर बैठ कर महिला सशक्तिकरण, तीन तलाक़ और पोलिगैमी (एक से ज़्यादा शादी) को ख़त्म करने की वकालत तो ज़रूर करते है लेकिन जब अपने ही नेताओ के काले कारनामो का पर्दा फर्श होता है तो जवाब देने के बजाय मुँह छुपा कर भागते है.

BJP के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा नारी शक्ति पर आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे, कार्यक्रम के बाद वो मीडिया से भी रूबरू हुए इसी दौरान एक पत्रकार ने उनसे सवाल कर दिया कि, आप लोग नारी शक्ति की बाते तो बहुत करते है लेकिन विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर पर 16 महिला पत्रकारों ने यौन शोषण का आरोप लगाया है इस पर सरकार क्या करवाई कर रही है? पत्रकार के इस सवाल से संबित ऐसे भागे मानो गधे के सिर सींग.

क्या सरकार देश में होने वाली घटनाओ के लिए जवाबदेह नहीं है, अगर है तो 16 महिलाओं के आरोपों के बावजूद एमजे अकबर के खिलाफ करवाई क्यों नहीं की जा रही है. करवाई न सही कम से कम एक जाँच कमेटी का ही गठित कर दी जाये.

आपको बता दें कि कांग्रेस पार्टी की युथ विंग NSUI के अध्यक्ष फिरोज खान ने अपने ऊपर यौन उत्पीड़न के आरोप लगने के बाद अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया, तो क्या एमजे अकबर अपने पद की गरिमा के लिए इस्तीफ़ा नहीं दे सकते? या प्रधानमंत्री मोदी उनसे इस्तीफ़ा नहीं मांग सकते?

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