रोहतक: मुस्लिमों के दाढ़ी रखने और नमाज पढ़ने पर पाबंदी

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हरियाणा के रोहतक ज़िले के एक गांव टिटौली में ईद-उल-अज़हा के मौके पर गाय के बछड़े की मौत के बाद से इलाके में तनापूर्ण स्थिति अभी भी बनी हुई है. बछड़े की मौत के बाद कुछ असामाजिक तत्वों ने अफवाह फैलाई कि मुस्लिमों ने बछड़े को कत्ल कर दिया था.

इस घटना क्रम में  पंचायत ने फरमान  जारी किया है कि मुस्लिम समुदाय के लोग सार्वजनिक स्थल पर नमाज नहीं पढ़ेंगे. वे टोपी भी नहीं पहनेंगे आैर अपने बच्चों के नाम भी पहले की तरह ही हिंदी वाले रखेंगे, अरबी या फारसी वाले नहीं.

दरअसल टीटोली गाँव में ईद-उल-अज़हा के मौके पर गाय के बछड़े ने स्थानीय निवासी यामीन की भतीजी, जो घर के बाहर खेल रही थी उसको गाय के बछड़े ने गिरा दिया था, गाय के बछड़े को भगाने के लिए यामीन ने उसे लाठी से मारा, इस घटना के कुछ देर उपरांत गाय का बछड़ा मर गया जिस पर गाँव के कुछ लोगो ने ये अफवाह फैलाई कि गाय की कुर्बानी दी गयी है.

बता दें कि मृत बछड़े को स्थानीय मुस्लिम कब्रिस्तान में दफनाया गया था. जिसके बाद से ही कब्रिस्तान में मुस्लिमों के शव दफनाने को लेकर पाबंदी लगा दी गई. बीते दिनों शव दफनाने को लेकर भी विवाद हुआ था.

पंचायत की तरफ से जारी फरमान में कहा गया है कि

  • गांव में सार्वजनिक स्थल पर न तो कोई नमाज पढ़ेगा और न कोई बाहर से नमाज पढ़ाने आएगा
  • मुस्लिम समाज में बच्चे का नामकरण पहले की तरह हिंदी शब्दों में किए जाएंगे
  • गांव के युवक बड़ी दाढ़ी नहीं रख सकेंगे
  • कब्रिस्तान की जमीन को धान की कटाई के बाद पंचायत में शामिल किया जाएगा। बाद में पंचायत कब्रिस्तान के लिए अलग से जमीन देगी
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