बेक़सूर युवाओं की गिरफ़्तारी का लग रहा पुलिस पर आरोप

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 *मोबाईल चोरी का मामला*
कैंट पुलिस की कार्यशैली पर उठे सवालों का जवाब मिलने तक सन्देह के घेरे में पुलिस का गुडवर्क
मनव्वर रिज़वी
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गोरखपुर । छात्र संघ चौराहे के पास स्थित आधुनिक सुविधाओं से लैस राज आईं हॉस्पिटल के अंदर से 9 अप्रैल को तीन व्यक्ति मोबाईल चोरी करके भागते हैं । इस सम्बन्ध में 12 अप्रैल को मोबाईल चोरी की रिपोर्ट कैंट थाने पर सुबह 9:30 बजे अपराध संख्या 352/17 दर्ज की जाती है और फिर उसी दिन दोपहर 1:30 बजे छात्रसंघ चौराहे से घटना में शामिल तीनों चोरों को कैंट पुलिस द्धारा गिरफ्तार करके मोबाईल चोरी की घटना के खुलासे का दावा कर मीडिया के सामने उनको पेश किया जाता है।

दूसरी तरफ सोमवार को कमाल अहमद पुत्र जिलानी निवासी जटेपुर दक्षिणी द्धारा एसएसपी रामलाल वर्मा से मिलकर एक सीसीटीवी फुटेज दिखाया गया और एक प्रार्थना पत्र दिया गया जिसमें कहा गया कि 9 अप्रैल को दोपहर 2:50 बजे एसओजी के दो सिपाही कमाल के घर में स्थित कारखाने में पहुँचते है और उनके कारखाने में काम कर रहे दो युवकों राहुल और जाकिर को उठा ले जाते है। उसी रात 12:45 बजे के बाद चार पुलिस वाले उनके घर आये और उसके भाई फ़ैयाज़ के साथ घर में खड़ी दो बाइक भी थाने पर ले गए।
इसके बाद से शुरू होती है कमाल और उनके भाइयों द्धारा थाने की परिक्रमा जो 12 अप्रैल तक मोबाईल चोरी के आरोप में पकडे गये तीनों युवाओं को जेल भेजे जाने तक जारी रहती है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गोरखपुर को दिए अपने प्रार्थना पत्र में कमाल ने आरोप लगाया कि मोहल्ले के ही विवेक जिसे पुलिस कई बार चोरी के आरोप में गिरफ्तार कर चुकी है उसको थाने में पुलिस पहले से बैठाई थी और उसी के पास से चोरी का मोबाइल बरामद किया है और फिर विवेक को छोड़ दिया और मेरे कारखाने में काम कर रहे दो बेकसूर युवकों और मेरे भाई को चोरी के आरोप में जेल भेज दिया।

कमाल अहमद की बातों व कैंट थाने में दर्ज एफआईआर 352/17 और 357/17 पर गौर किया जाये तो 9 अप्रैल को राज आई हॉस्पिटल से दोपहर बाद 3:00 बजे मोबाईल चोरी के खुलासे और युवकों की गिरफ्तारी पर कुछ सवाल खड़े हो रहे हैं जिनका जवाब मिलना ज़रूरी है।

1- जिन युवकों को दोपहर 2:50 पर पुलिस अपनी कस्टडी में ले लेती है वो 10 मिनट के बाद चोरी की घटना को कैसे अंजाम दे सकते हैं ?

2- राज आई हॉस्पिटल से 9 अप्रैल को अगर मोबाईल चोरी हुआ तो सूचना डायल 100 को क्यों नहीं दी गई ?

3- अगर चोरी की सूचना मिली थी तो घटना के चौथे दिन एफआईआर क्यों दर्ज की गई ?

4- क्या 24 घंटे चौकीदार व सुरक्षा गार्ड की निगरानी में रहने वाले राज आई हॉस्पिटल के सीसी टीवी फुटेज की जाँच की गई ?

5- विवेक कौन है ? अगर उसके पास से चोरी का मोबाईल बरामद हुआ था तो पुलिस ने उसे क्यों छोड़ा ?

बहरहाल कमाल अहमद के प्रार्थना पत्र और एसएसपी को सीसी टीवी फुटेज दिखाये जाने की चर्चा से हड़कंप की स्थिति है और कैंट पुलिस की कार्यशैली पर उठे सवालों का जवाब मिलने तक यह गुड़वर्क सन्देह के घेरे में रहेगा । जिसके लिए इस घटना की जांच का आदेश वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रामलाल वर्मा ने तेज तर्रार माने जाने वाले सीओ कैंट को सौंप दिया है ।

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