इमामबाड़ा स्टेट वक़्फ़ की करोड़ों की संपत्ति को बनाया निजी संपत्ति

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इमामबाड़ा स्टेट वक़्फ़ की करोड़ों की संपत्ति को बनाया निजी संपत्ति
मोतवल्ली इमामबाड़ा स्टेट का नाम हटाकर मियां साहब ने परिवार के अन्य सदस्यों का नाम संपत्ति रिकार्ड में कराया दर्ज
मुकदमा संख्या 36/1945 में इमामबाड़ा स्टेट द्धारा दाख़िल वक़्फ़ संपत्ति की सूची में शामिल सम्पत्तियों में हेर फेर कर बनाई निजी संपत्ति
गोरखपुर । प्रदेश की बड़ी वक्फ़ संपत्तियों में शामिल गोरखपुर इमामबाड़ा स्टेट वक़्फ़ नंबर 67 में करोड़ों की लूट की कहानी में अब वक़्फ़ संपत्ति को निजी संपत्ति में बदलने की बात प्रकाश में आयी है।
एक वरिष्ठ अधिवक्ता द्धारा जिलाधिकारी को वक्फ संपत्ति पर अवैध कब्जा व निर्माण की शिकायत में दिए गए प्रार्थना पत्र के पड़ताल के बाद जो सच सामने आया है उससे यह बात पता चलती है कि किस तरह से इस वक्फ़ संपत्ति में लूट के लिए उसे निजी संपत्ति बनाने की साजिश रची गई।
विगत दिनों तहसील दिवस पर एडवोकेट अकबर अली मेकरानी द्धारा जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर वक्फ़ संपत्ति पर अवैध कब्जा व निर्माण की शिकायत की गई।
बताते चलें कि एडवोकेट अकबर अली मेकरानी कई वर्षों तक इमामबाड़ा स्टेट वक़्फ़ नंबर 67 के अधिवक्ता के रूप में कार्य कर चुके हैं । उन्होंने अपने प्रार्थना पत्र में आराजी नंबर 33 जो मियांबाजार में स्थित एक संपत्ति है, पर डॉ0 मंगलेश श्रीवास्तव और सविता श्रीवास्तव द्धारा बिल्डर के माध्यम से अवैध निर्माण कराए जाने की शिकायत की है।
उन्होंने प्रार्थना पत्र में कहा कि जब डॉ0 मंगलेश श्रीवास्तव व सरिता श्रीवास्तव का स्वामित्व ही वक्फ़ आराजी पर नहीं है तो फिर जीडीए द्धारा उनका मानचित्र कैसे स्वीकृत कर लिया गया। इसके अतिरिक्त एडवोकेट मेकरानी ने यह भी आरोप लगाया कि इमामबाड़ा स्टेट वक़्फ़ नम्बर 67 के पूर्व मोतवल्ली सैयद जव्वाद अली शाह की मृत्यु उपरांत उक्त संपत्ति को जकिया अली शाह आदि के नाम पर दर्ज करा दिया गया है जो अवैध और गैर कानूनी है।
वहीं जब इस प्रार्थना पत्र के आधार पर बेगपुर उर्फ़ मियां बाजार में स्थित आराजी संख्या 33 के बारे में जानकारी की गई तो पता चला की 33/1 और 33/2 दो अलग अलग सम्पत्तियां है तथा कुल क्षेत्रफल 1.4070 हेक्टेयर की वक़्फ़ नंबर 67 की 27 संपत्तियों में भूमिधर का नाम बदला जा चुका है जबकि पूर्व में इन सम्पत्तियों के भूमिधर मोतवल्ली इमामबाड़ा स्टेट हुआ करते थे लेकिन अब भूलेख के अनुसार बेगपुर उर्फ़ मियांबाज़ार के खाता संख्या 0026, फसली वर्ष 1420-1425 ई0 में दर्ज कुल 27 सम्पत्तियां, क्षेत्रफल 1.4070 हेक्टेयर, जिनका बाजार मूल्य करोड़ो रुपया है, उक्त खतौनी में अवैध रूप से मोतवल्ली इमामबाड़ा स्टेट के नाम को पूरी तरह से गायब करके अदनान फर्रुख अली शाह, नाजमा अली शाह, अजहर अली शाह व ज़किया अली शाह के नाम बतौर भूमिधर दर्ज कराकर निजी संपत्ति बना ली गई है। हालांकि उक्त खाता संख्या 0026 में दर्ज संपत्ति 26 फरवरी 1944 को प्रदेश में वक़्फ़ का गजट होने के बाद से मुकदमा नंबर 36/1945 सुन्नी वक्फ बोर्ड बनाम शिया वक़्फ़ बोर्ड में इमामबाड़ा स्टेट की ओर से लगाए गए दस्तावेजों में वक्फ संपत्ति के रूप में दर्ज है।
वैसे यह तो केवल एक बानगी मात्र है जबकि इमामबाड़ा स्टेट वक़्फ़ नंबर 67 में लूट के तमाम अध्याय अभी बाकी है।
उपायुक्त वक़्फ़ बोर्ड ने नोटिस जारी कर माँगा जवाब
वक्फ संपत्तियों मैं 1900 करोड़ रुपए के घोटाले संबंधी आरोपों की जांच कर रहे उपायुक्त वक्फ बोर्ड, गोरखपुर का कहना है कि इस संबंध में इमामबाड़ा स्टेट वक़्फ़ नंबर 67 के मोतवल्ली अदनान फारुख अली शाह को दोबारा नोटिस जारी कर स्वयं जवाब देने को कहा गया है। साथ ही जमाल अहमद और मोहम्मद महबूब जुम्मन को भी नोटिस जारी कर जवाब देने को कहा गया है।
मन्नवर रिज़वी की रिपोर्ट
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