पद्मावती की रिलीज को लेकर देश में जगह-जगह हो रहे विरोध और राजनेताओं की बैन लगाने वाली मांग पर आखिरकार दीपिका पादकोण का गुस्सा फूट ही पड़ा. दीपिका ने कहा, ‘फिल्म की रिलीज बहुत जरूरी है और इसे रिलीज होने से कोई नहीं रोक सकता.’
दीपिका ने और क्या कहा?
दीपिका ने कहा, ‘एक महिला के रूप में मैं इस फिल्म का हिस्सा बनकर और इस कहानी को दुनिया को बताने के लिहाज से बेहद गर्व महसूस कर रही हूं. ये एक ऐसी कहानी है जिसे जरूर बताया जाना चाहिए.’
दीपिका ने यह सवाल भी किया, ‘हम एक राष्ट्र के रूप में कहां पहुंच गए हैं? ये डरावना है, ये बहुत डरावना है, हम आगे बढ़ने के बदले पीछे जा रहे हैं. हमारी अगर किसी को जवाबदेही है तो वह सिर्फ सेंसर बोर्ड को है और मैं जानती हूं और मुझे पूरा विश्वास है कि इस फिल्म को रिलीज होने से कोई नहीं रोक सकता. ये सिर्फ पद्मावती से संबंधित नहीं हैं बल्कि हम एक बहुत बड़ी लड़ाई लड़ रहे हैं.’
भंसाली के सपोर्ट में फिल्म इंडस्ट्री
सियासी पचड़े में फंसी पद्मावती के खिलाफ कई बड़े राजनेता मैदान में उतर आए हैं. हालांकि फिल्म इंडस्ट्री से संजय लीला भंसाली को मजबूत सपोर्ट मिला है. सोमवार को फिल्म इंडस्ट्री के पांच संगठनों ने बैठक कर कहा कि सरकार को पद्मावती की रिलीज के लिए सुरक्षित माहौल देना चाहिए. भंसाली को मिल रही धमकियों और पद्मावती पर विरोध के खिलाफ मनोरंजन जगत के पांच संगठन 16 नवंबर को 15 मिनट के लिए शूटिंग पर रोक लगाकर अपना विरोध जाहिर करेंगे. उससे पहले दीपिका ने कई सवाल खड़े किए हैं.
उधर, महाराष्ट्र में पद्मावती को बैन करने की मांग की गई है. बीजेपी के विधायक सुजीत सिंह ठाकुर ने मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखकर राज्य में फिल्म को प्रदर्शित करने से रोकने की मांग की है. देवेन्द्र फडणवीस को लिखी चिट्ठी में उन्होंने कहा कि फिल्म में ऐतिहासिक तथ्य के साथ छेड़छाड़ की गई है. ऐसे में फिल्म को प्रदर्शित नहीं करने देना चाहिए. बता दें कि कई बीजेपी के कई मंत्रियों और राज्यों के विधायकों ने पद्मावती का विरोध किया है. इससे पहले फडणवीस के एक मंत्री फिल्म पर आपत्ति जता चुके हैं.
दरअसल, गुजरात के प्रदेश उपाध्यक्ष आईके जडेजा ने सेंसर बोर्ड, केंद्र सरकार और निर्वाचन आयोग से फिल्म की रिलीज का विरोध किया था. जडेजा ने कहा था, गुजरात के 15-16 जिलों के राजपूत समाज ने पार्टी से इस फिल्म को बैन कराए जाने की मांग की थी. बीजेपी ने चुनाव आयोग, केंद्र सरकार और सेंसर बोर्ड को चिट्ठी भी लिखी. कहा कि यह फिल्म क्षत्रीय समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचा सकती है. लिहाजा फिल्म को रिलीज से पहले पार्टी के राजपूत प्रतिनिधियों को दिखाया जाना चाहिए. पार्टी की दलील है कि ऐसा करने से रिलीज के वक्त फिल्म के लिए सहूलियत रहेगी और किसी भी तरह की तनावपूर्ण परिस्थितियों से बचा जा सकेगा.
फिल्म का विरोध सिर्फ बीजेपी ही नहीं कांग्रेस और दूसरे दलों ने भी की है. बीजेपी की ओर से केंद्रीय मंत्री उमा भारती, अनिल विज और साक्षी महाराज जैसे नेताओं ने इसका विरोध किया है. गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री और राजपूत नेता शंकर सिंह वाघेला ने भी फिल्म की रिलीज का विरोध किया है.
फिल्म में पद्मावती का रोल दीपिका पादुकोण कर रही हैं. जबकि अलाउद्दीन खिलजी के किरदार में रणवीर सिंह हैं. करणी सेना फिल्म की शूटिंग के दौरान से ही इसका विरोध कर रही है. राजस्थान में शूटिंग के वक्त तोड़फोड़ की घटना हुई थी. करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने फिल्म के निर्देशक संजय लीला भंसाली के साथ हाथापाई भी की थी.
बता दें कि पद्मावती में अलाउद्दीन खिलजी और रानी पद्मिनी के बीच ड्रीम सीक्वेंस को लेकर विवाद था जिस पर मेकर्स की ओर से सफाई आ चुकी है. भंसाली ने हाल ही में सोशल मीडिया में एक बार फिर कहा कि फिल्म में इस तरह का कोई सीक्वेंस नहीं है. ये फिल्म 1 दिसंबर को रिलीज होनी है.
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