जनपद में खून की कमी से  किसी की भी जान नही जानी चाहिये: अजयदीप सिंह

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जनपद में खून की कमी से  किसी की भी जान नही जानी चाहिये: अजयदीप सिंह।
एसडीएम नानपारा गौरांग राठी आईएएस व पूर्वा भूवनेश गौरांग राठी सहित 34 लोगों ने किया रक्तदान
बहराइच । स्वैच्छिक रक्तदान को बढ़ावा देने व समाज में रक्तदान को लेकर व्याप्त भ्रान्तियों को दूर करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अन्तर्गत जिला प्रशासन एवं आकांक्षा समिति के संयुक्त तत्वावधान में कलेक्ट्रेट परिसर बहराइच में आयोजित स्वैच्छिक रक्तदान एवं डोनर पंजीकरण शिविर का आयोजन किया गया। स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का शुभारम्भ करते हुए जिलाधिकारी अजय दीप सिंह ने कहा कि स्वैच्छिक रक्तदान से प्राप्त रक्त ही सबसे सुरक्षित रक्त होता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार सभी ज़रूरतमन्दों को उच्च गुणवत्ता का सुरक्षित रक्त ससमय उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध है जिससे रक्त की कमी के कारण किसी का जीवन समाप्त न होने पाये।
जिलाधिकारी ने कहा कि स्वैच्छिक रक्तदान शिविर के माध्यम से मात्र 450 मी.ली. किये गये रक्तदान से 03 व्यक्तियों के जीवन को बचाया जा सकता है। रक्तदान शिविर के माध्यम से रक्तकोषों में रक्त की प्रचुर मात्रा में उपलब्धता से गर्भवती महिलाओं, गम्भीर रूप से बीमार व्यक्तियों, सड़क या किसी अन्य दुर्घटना में घायल लोगों, बड़ी सर्जरी वाले मरीज, कैंसर के शिकार व्यक्तियों, हीमोफीलिया/थैलीसीमिया जैसे रोगों से ग्रसित बच्चों को ससमय रक्त उपलब्ध कराकर नया जीवन प्रदान किया जा सकता है। उन्होंने लोगों से अपील की कि रक्तदान के महत्व को समझे और ऐसे शिविरों में रक्तदान अवश्य करें जिससे किसी दूसरे की जान बचायी जा सके।
श्री सिंह ने कहा कि स्वैच्छिक रक्तदान को बढ़ावा देकर एवं अधिकाधिक रक्तदान शिविरों का आयोजन कर रक्तकोषों में रक्त की मात्रा को सुनिश्चित कर प्रतिस्थानी रक्त पर निर्भरता को कम कर जनमानस को आवश्यकता के समय बिना प्रतिस्थानी सुरक्षित रक्त व रक्त अवयव उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अन्तर्गत राजकीय रक्तकोषों, जिला प्रशासन व आकांक्षा समिति के संयुक्त तत्वावधान 07 से 09 फरवरी 2018 तक कलेक्ट्रेट में स्वैच्छिक रक्तदान शिविर तथा भावी रक्तदाता पंजीकरण कैम्प का आयोजन किया जा रहा है।
जिलाधिकारी ने कहा कि सही समय पर रक्त न मिलने की वजह से प्रति वर्ष देश में बहुत सारे जरूरतमंदों की मौत हो जाती है। उन्होंने कहा कि रक्त से रक्त अवयवों को अलग कर जरूरतमन्द मरीजों को चढ़ाने से रक्त की बचत होती है, जो भारत जैसे अधिक आबादी वाले देश के लिए आवश्यक है। एक यूनिट ब्लड से कई अवयव तैयार किए जा सकते हैं और किसी मरीज को केवल वही अवयव चढ़ाया जाता है जिसकी उसे जरूरत होती है। उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति द्वारा ब्लड डोनेट किये जाने के छः माह बाद दोबारा रक्तदान किया जा सकता है। उन्हांेने कहा कि 100 प्रतिशत में 05 प्रतिशत ब्लड खराब ही रहता है। जिसमे कई बीमारियों जैसे एचआईवी, हेपेटाइटिस व अन्य बीमारियां मिलती है। रक्त दान शिविर के सफल आयोजन के लिए डीएम ने एसडीएम नानपारा गौरांग राठी व एसडीएम सदर एसपी शुक्ल और चिकित्सकों की टीमों का धन्यवाद ज्ञापित किया।
उप जिलाधिकारी नानपारा गौरांग राठी आईएएस ने कहा कि रक्तदान करने से न सिर्फ किसी की जिन्दगी बचाने जैसी अनमोल खुशी मिलती है बल्कि इससे हमारी सेहत को भी लाभ पहुंचता है। नियमित तौर पर रक्तदान करने से फालतू लौह तत्व शरीर से बाहर चला जाता है। जिससे हृदयाघात का जोखिम एक तिहाई तक कम हो जाता है। साथ ही रक्त भी नया हो जाता है। उन्हांेने मौजूद लोंगो का आहवान करते हुए कहा कि रक्तदान शिविर में बढ़ चढ़कर हिस्सा लें और रक्त दान करें।
रक्तदान शिविर में उप जिलाधिकारी नानपारा गौरांग राठी आईएएस व आकांक्षा समिति की अध्यक्ष पूर्वा भूवनेश गौरांग राठी सहित 34 लोगों द्वारा रक्तदान किया गया। रक्तदान करने वालों का जिलाधिकारी द्वारा प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया।
इस अवसर पर उप जिलाधिकारी सदर एसपी शुक्ल, सीएमएस महिला डा. मंजरी टण्डन, पुरूष पीके टण्डन, जिलाधिकारी की पुत्री कु. दीप्ति सिंह, एआरटीओ वीरेन्द्र सिंह, काउन्सलर नूर मोहम्मद, ब्लड बैंक के इंचार्ज हीरालाल, लैब टेक्नीशियन ज्ञानेन्द्र वर्मा व वेद प्रकाश मिश्रा, डा. अली मेंहदी सहित अन्य सम्बन्धित लोग व छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
अतहर मेहदी की रिपोर्ट——————————-
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