अपने ही गिराते हैं नशेमन पर बिजलियाँ

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राहुल की राह में मुसीबतें खड़े कर रहे अपने ही कांग्रेसी
सय्यद काजि़म रज़ा शकील 
1985 में एक फिल्म आयी थी आखिर क्यों इस फिल्म में एक गाना  इंदीवर ने लिखा था जिसका सारांश था दोस्त कुछ ऐसे होते हैं जिनके रहते दुश्मन की ज़रुरत नहीं होती ऐसे दोस्त राजनीती में ज़्यादा ही नज़र आते हैं गाने के बोल थे ” दुश्मन न करे दोस्त ने वह काम किया है उम्र भर का गम हमे इनाम दिया है ” आज कल सलमान खुर्शीद और मणिशंकर अय्यर के बयानात राहुल गाँधी के लिए यही काम कर रहे हैं।
 राहुल गाँधी को कांग्रेस की कमान मिलते ही पुराने कांग्रेसी सिपहसालार कांग्रेस अध्यक्ष के लिए नई मुसीबतें खड़ी कर रहे हैं।  जहां केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी सरकार की आम जन में लगातार बिगड़ती छवि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए 2019 की राह कठित हो रही है वहीं जनता भाजपा के विकल्प के रूप में दूसरे मजबूत सहारे की तलाश कर रही है। जनता के सामने भाजपा का मजबूत विकल्प बनने की जद्दोजहद कर रहे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की राह में अपने ही रोड़े अटकाने का काम कर रहे हैं। सार्वजनिक मंचों से पार्टी की छवि धूमिल करने के एक के बाद एक कई नेताओं के बयानों से 2019 में मोदी-शाह की जोड़ी को नाकाम करने की राहुल गांधी की मुहिम को अपने ही धक्का देने में जुटे हैं।
बताते चलें कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 के समय समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव ने कारसेवकों पर गोली चलाने और फिर उस पर पछतावे का जिक्र कर जिस तरह हिंदू-मुस्लिमों को पार्टी से दूर करने का काम किया, उसी तरह का काम कांग्रेस के पुराने सिपहसालार 2019 से पहले कर राहुल की मेहनत पर पानी फेरने में लगे हैं। पार्टी के वरिष्ठï नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने जिस तरह की स्वीकारोक्ति अलीगढ़ में आयोजित एक कार्यक्रम में की, उसने पार्टी के सामने मुश्किल खड़ी कर दी है। यह गौर करने लायक है कि संप्रग सरकार के समय तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी के खास सिपहसालारों में शुमार और केंद्रीय मंत्री  रहे खुर्शीद को अपनी पार्टी के दामन पर मुसलमानों के खून के धब्बों की याद उस वक्त नहीं आई। खुर्शीद के कबूलनामे के बाद पार्टी उनके बयान से अपना पल्ला झाड़ती नजर आ रही है और कह रही है कि यह उनका निजी बयान है। आइये कुछ समय पहले गुजरात चुनाव के वक्त की बात करें, उस वक्त पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के खास रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री मणिशंकर अय्यर के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘नीचÓ कहने भर से ही कांग्रेस अध्यक्ष ने निलम्बित कर दिया। वहीं सलमान खुर्शीद के इतनी बड़ी स्वीकारोक्ति के बावजूद पार्टी का उनके बयान को निजी बयान बता कर पल्ला झाडऩा कुछ अलग ही इशारा करता है। इतने बड़े कबूलनामे के बाद कांग्रेस का सलमान खुर्शीद पर कोई कार्रवाई न करना दो ही बातें दर्शाता है एक तो सलमान के इस बयान से कांग्रेस को हिन्दू वोट की राजनीति में फायदा मिलने की उम्मीद नजऱ आ रही होगी दूसरा यह की कांग्रेस इस बात के संकेत दे रही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ बयानबाजी मुस्लिमों के खून अधिक खतरनाक है। दोनों ही मामलों में पार्टी के अपने लोग ही कांग्रेस और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की 2019 की राह में रोड़े अटकाने में लगे हैं, जिसने सत्तापक्ष का काम आसान कर दिया है।आखिर में फिर राहुल गाँधी की बढ़ती लोकप्रियता पर अंकुश लगाने की कुछ कोंग्रेसियों की कोशिश ऐसी नज़र आती है जैसा का इस गाने में है ” अपने ही गिराते हैं नशेमन पर बिजलियाँ , नशेमन पर बिजलियाँ ” ऐसे नेताओं को चाहिए कि वह अपने पुराने नशेमन {आशियाना ) को बचाने का काम करें बिजलियाँ गिराने का नहीं।
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