नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि दुनिया से आतंकवाद खत्म होने तक वो चैन से नहीं बैठेंगे। मोदी गृह मंत्रालय की नो मनी फॉर टेरर कॉन्फ्रें स में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि कुछ देशों की पॉलिसी ही आतंकवाद का समर्थन है। प्रधानमंत्री मोदी ने नाम नहीं लिया, पर उनका इशारा पाकिस्तान और चीन की ओर था।
मोदी ने कहा- ऐसे देशों पर जुर्माना लगना जररूी है, जो अपनी विदेश नीति के जरिए आतंकवाद को राजनीतिक, वैचारिक और आर्थिक समर्थन करते हैं।टेरर फंडिंग पर लगाम लगाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण फैसले लिए जाएंगे। सभी देशों की जांच एजेंसिया विदेशी फंडिंग के रूट्स की भी जांच करेगी और इस मामले में आपसी सहयोग और पारदर्शिता दिखाएंगी।
मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर आतंकी संगठनों ने अपना तरीका बदला है। इस पर सभी एजेंसियों को एकजुट होकर जानकारी हासिल करने की बात कही जाएगी, जिससे इसके रूट तक पहुंचा जा सके।
टेरर फंडिंग में क्रिप्टो करेंसी के इस्तेमाल और क्राउडफंडिंग को रोकने के तरीकों पर चर्चा होगी। भारत का जोर इस पर भी रहेगा कि सभी जांच एजेंसियों के बीच सहमति बने, जिससे डार्कवेब के जरिए हो रही आतंकी फंडिंग पर भी कड़ी निगरानी रखी जा सके।
कॉन्फ्रेंस में इस पर भी चर्चा होगी कि वे कौन लोग हैं जो सोशल मीडिया के जरिए फंड इक_ा कर रहे और आतंकियों की मदद कर रहे हैं।
इंटरनेशनल लेवल पर इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर एक समान अंतरराष्ट्रीय कानून के दायरे में हो ताकि फर्जी तरीके से की जा रही टेरर फंडिंग को रोका जा सके। साथ ही इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर की सही जानकारी देशों के पास रहे, जिससे कि वह ऐसे आतंकी फंडिंग करने वाले लोगों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई कर सकें।
भारत का फोकस रहेगा कि देश में कट्टरवाद और जिहाद का बढ़ावा देने वाले आतंकी संगठनों पर भी एक्शन हो। इसके लिए भारतीय जांच एजेंसी सभी देशों को इस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से एकजुट करें।
जानकारी के मुताबिक सिख फॉर जस्टिस जैसे खालिस्तानी संगठन अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, जर्मनी में रहकर भारत के खिलाफ फर्जी प्रोपेगेंडा फैलाते हैं, ऐसे संगठनों पर भी नकेल कसने की तैयारी है।
टेरर फंडिंग पर लगाम लगाने के लिए प्राइवेट पार्टनरशिप की मदद लेने पर भी विचार किया जा रहा है। इसे किस तरह से बढ़ाया जाएगा, उस कदम पर बड़ी चर्चा होगी। सभी देश फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट को बेहतर तरीके से मजबूत करने को लेकर जोर दिया जाएगा।
आतंकवाद को समर्थन करने वालों के खिलाफ पूरी दुनिया एक हो
मोदी ने कहा, “ऐसी संस्थाएं और व्यक्ति, जो आतंकवाद के लिए सहानुभूति पैदा करने की कोशिश में लगे हैं, उन्हें भी बिल्कुल अलग कर देना चाहिए। ऐसे मामलों में कोई किंतु-परंतु नहीं होना चाहिए। आतंकवाद को खुलेआम और छिपकर किए जा रहे हर तरह के सपोर्ट के खिलाफ पूरी दुनिया को एक होना होगा।
युद्ध नहीं हो रहा, इसका मतलब यह नहीं कि शांति है
उन्होंने कहा, “अगर आतंकवाद को मिल रहे आर्थिक सपोर्ट को चोट नहीं पहुंचाई गई तो अब तक आतंकवाद के खिलाफ जो कूटनीतिक बढ़त हमें हासिल हुई है, वो जल्द ही बेकार हो जाएगी। अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं ये बिल्कुल न समझें कि युद्ध नहीं हो रहा है तो शांति है। प्रॉक्सी वार भी खतरनाक और हिंसक हैं।
ध्यान रहे कि चरमपंथी सिस्टम का फायदा न उठा पाएं
प्रधानमंत्री बोले, “एक राष्ट्र का अधिकार होता है कि वो अपना सिस्टम खुद बनाए, लेकिन यह ध्यान में रखना होगा कि चरमपंथी तत्व सिस्टम की भिन्नता का फायदा उठा ले। कट्टरपंथ का समर्थन करने वालों को किसी भी देश में समर्थन नहीं मिलना चाहिए।
बंदूकों और ड्रग्स से कमाया पैसा आतंकवाद में लगता है
उन्होंने कहा, ऑर्गनाइज्ड क्राइम टेरर फंडिंग का एक जरिया है। ये अभी तक अलग-थलग नहीं किया गया है। गैंग्स के आतंकवाद के साथ गहरे लिंक होते हैं। बंदूकों, ड्रग्स और स्मगलिंग के जरिए बनाया गया पैसा आतंकवाद में लगाया जाता है। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में ऑर्गनाइज्ड क्राइम के खिलाफ एक्शन बेहद जरूरी है।
हर आतंकवादी हमले का बराबर जवाब देना होगा
प्रधानमंत्री ने कहा, “हमारा देश तब तक शांति से नहीं बैठेगा, जब तक आतंकवाद को जड़ से खत्म नहीं कर देता। आतंकवाद का असर गरीबों और लोकल अर्थव्यवस्था पर काफी बुरा पड़ता है। हर आतंकवादी हमले को बराबर जवाब दिया जाना चाहिए। आतंकवाद को पूरी तरह से खत्म करने के लिए जीरो टॉलरेंस नजरिया अपनाना होगा।
अद्भुत है कि सम्मेलन भारत में हो रहा
मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि यह अद्भुत है कि सम्मेलन भारत में हो रहा है। हमारे देश ने आतंक का सामना इसे दुनिया के गंभीरता से लेने से बहुत पहले से किया है। दशकों से अलग-अलग रूपों में आतंकवाद ने भारत को चोट पहुंचाने की कोशिश की जिसकी वजह से हमारे हजारों लोगों ने जान गवाईं, लेकिन हमने आतंकवाद का बहादुरी से मुकाबला किया।
हमारे पास आतंकियों को मिलने वाले फंडिग के सबूत- दिनकर गुप्ता
इस कॉन्फ्रें स का आयोजन एनआईए के तरफ से किया जा रहा है। एनआईए के डीजी दिनकर गुप्ता ने गुरुवार को बताया कि आतंकियों को टेरर फंडिंग रोकने के लिए ये कॉन्फ्रें स बहुत अहम है। उन्होंने कहा कि खालिस्तानी और कश्मीर के आतंकियों को फंडिंग हो रही है। हमारे पास इसके सबूत हैं। एनआईए इस दिशा में काम कर रही है। इस कॉन्फ्रेंस में इस बारे में भी चर्चा होगी। बता दें कि इस कॉन्फ्रें स को आतंकवादियों की कमर तोडऩे के लिए एक बड़े प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।
मिनिस्ट्री ऑफ एक्सटर्नल अफेयर्स के सेक्रेटरी संजय शर्मा ने बताया कि कॉन्फ्रें स के लिए चीन को भी बुलाया गया था, लेकिन अब तक उधर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।