लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्रदेश में महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा, सम्मान एवं स्वावलंबन और शास्क्तिकरण के उद्देश्य से मिशन शक्ति योजना 17 अक्टूबर 2020 की शुरूआत की गयी। इसके बावजूद राज्य में महिलाओं के खिलाफ कई घटनाओं के प्रकाश में आने के बाद लगातार प्रदेश कि योगी सरकार विपक्ष के निशाने पर रही है।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के ट्वीट ने उत्तर प्रदेश भाजपा और सरकार की चिंता बढ़ा दी है। तो वही समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों में नया जोश भर दिया है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने राष्ट्रीय महिला दिवस (13 फरवरी) पर प्रदेशव्यापी आन्दोलन शुरू करने की घोषणा की है। इस आन्दोलन को ‘महिला घेरा’आंदोलन बताया है।
अखिलेश यादव ने प्रदेश की महिलाओं से आंदोलन में आगे आने की अपील करते हुए कहा है कि 13 फरवरी को सरोजिनी नायडू जयंती है। समाजवादी पार्टी राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर प्रदेश भर में ‘महिला घेरा’ नारे के द्वारा महिलाओं से जुड़े 13 मुद्दों पर आन्दोलन करेगी और इसका मूल उद्देश्य महिलाओं की उपेक्षा करने वाली सरकार को हटाना बताया है। सपा प्रमुख ने ट्वीट के जरिये अपील की है कि वे महिलाओं के मुद्दों को लेकर इस कार्यक्रम से जुड़ें व इसे इतना बड़ा बनाएं कि दंभी सत्ता की नींद टूटे। महिलाएं आगे आएं।
महिला घेरा आन्दोलन के जरिये समजवादी पार्टी महिला सुरक्षा, महिला के खिलाफ बेलगाम अपराध-बलात्कार, सपा के समय महिला हेल्प लाइन 181, महिला पावर लाइन 1090 की भाजपा सरकार में दुर्दशा, महिला स्वास्थ्य सेवाओं की कमी, घरेलू हिंसा, शिक्षा में उपेक्षा सहित कई अन्य मुद्दों पर आन्दोलन शुरू करने की योजना है जिससे प्रदेश की योगी सरकार सहित प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी की चिंता बढ़ा दी है।
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सिलसिलेवार ट्वीट में प्रदेश की भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी को देश की वैश्विक छवि ख़राब होने की चिंता नहीं है और हमारा मानना है कि वो अपने पूँजीपति मित्रों के फ़ायदे के लिए कृषि कानूनों के मुद्दे को यूपी के चुनाव आने तक खींचने का कुचक्र रचेगी।” उन्होंने दावा किया कि अब किसान गुमराह नहीं होगा और भाजपा को चुनाव में हरा कर, सत्ता से हटा के ही दम लेंगे।”