भारतीय उच्चायोग ने आखिर क्यों किया ब्रिटिश सांसद से सम्पर्क

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अवधनामा ब्यूरो

नई दिल्ली. भारतीय उच्चायोग ने हाउस ऑफ़ कामन्स के सामने भारत में चल रहे किसान आन्दोलन का मुद्दा उठाने वाली ब्रिटिश सांसद को एक खुला पत्र लिखकर बताया है कि भारत में नये कृषि क़ानून के खिलाफ किसानों का एक छोटा सा समूह प्रदर्शन कर रहा है. लन्दन स्थित भारतीय उच्चायोग ने लीसेस्टर ईस्ट की लेबर पार्टी की सांसद क्लाउडिया वेब्बे से कहा है कि वह अपने निर्वाचन क्षेत्र के ब्रितानी नागरिकों की ओर से कोई भी आपत्ति भारतीय उच्चायोग के सामने सीधे उठा सकती हैं.

उल्लेखनीय है कि किसान आन्दोलन का मुद्दा ब्रिटिश संसद (हाउस ऑफ़ कामन्स) के सामने पहुँच चुका है. हाउस ऑफ़ कामन्स के वेस्टमिस्टर हाल में बहस के लिए कम से कम एक लाख हस्ताक्षरों की ज़रूरत होती है जबकि ब्रिटिश संसद में दी गई याचिका पर एक लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हैं.

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इस सांसद ने टूलकिट मामले में भारत में गिरफ्तार किये गए कार्यकर्ताओं की रिहाई की भी मांग की है. भारतीय उच्चायोग ने ब्रिटिश सांसद को बताया है कि भारत सरकार आन्दोलन कर रहे किसानों के लगातार सम्पर्क में है और किसानों की कृषि कानूनों को लेकर उनकी चिंताओं पर लगातार समाधान करने की कोशिश कर रही है.

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