अवधनामा संवाददाता
ललितपुर। ललितपुर जिले की स्थापना के स्वर्ण जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित एक परिचर्चा को संबोधित करते हुए नेहरू महाविद्यालय के सेवानिवृत प्राचार्य प्रो.भगवत नारायण शर्मा ने कहा कि आज से ठीक 50 वर्ष पूर्व 1 मार्च 1974 का वो पल जब उ.प्र. के मुख्यमंत्री स्व.हेमवती नंदन बहुगुणा ललितपुर आये थे और श्रीतुवन मंदिर मैदान पर एक विशाल आमसभा आयोजित की गई। इस आमसभा की अध्यक्षता तत्कालीन नगर कांग्रेस अध्यक्ष हमारे पिताश्री स्व. पं रामनारायण शर्मा कर रहे थे और उन्होंने उस आमसभा में ललितपुर जिला घोषित करने की जैसे ही मांग की तो मुख्यमंत्री स्व. बहुगुणाजी ने उठकर ललितपुरवासियों से कहा कि आज से आप लोग जिला ललितपुर लिखना शुरू कर दो, आज से मैं ललितपुर को जिला घोषित करता हूँ। स्व.बहुगुणाजी ने अपने भाषण में हमारे पिताश्री को संबोधित करते हुए कहा कि शर्माजी हाकी के खेल की तरह और लोग डी तक तो गेंद लेकर आते थे परंतु गोल नहीं कर पाते थे, आज मैं गोल करके जा रहा हूँ जिसके कि क्रम में 13 मार्च 1974 को ललितपुर जिला क्रियान्वित हुआ था और तत्कालीन जोईन्ट मजिस्ट्रेट रवि माथुर ललितपुर के पहले जिलाधिकारी बनाये गये थे। प्रो.शर्मा ने आगे कहा कि झांसी जिले से अलग हुए ललितपुर को यद्यपि आधी शताब्दी व्यतीत हो चुकी है परंतु इस विकासोन्मुख जनपद में एक विश्वविद्यालय, इंजीनियरिंग कालेज, कृषि विश्वविद्यालय एवं हैवी इन्डस्ट्रीज के अभाव को दूर करने की जरूरत है। आशा है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूरा करके विकास की अवरुद्ध गंगा को प्रवाहित करेंगे।
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