माइक्रोसॉफ्ट में वानिया अग्रवाल की क्या स्टोरी है?

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जानिए पूरी कहानी कौन है मजलूमों का समर्थन करने वाली वानियां क्यों छोड़ी नौकरी?

वानिया अग्रवाल एक भारतीय-अमेरिकी सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं, जिन्होंने माइक्रोसॉफ्ट में काम किया और हाल ही में कंपनी से इस्तीफा दे दिया। उनकी कहानी तब सुर्खियों में आई जब उन्होंने माइक्रोसॉफ्ट की 50वीं वर्षगांठ समारोह के दौरान एक साहसिक कदम उठाया। यह समारोह मार्च 2025 में वाशिंगटन के रेडमंड में कंपनी के मुख्यालय में आयोजित हुआ था, जिसमें माइक्रोसॉफ्ट के वर्तमान सीईओ सत्या नडेला, पूर्व सीईओ बिल गेट्स और स्टीव बाल्मर मौजूद थे।वानिया ने इस आयोजन के दौरान मंच पर चल रही चर्चा को बाधित करते हुए गाजा में चल रही हिंसा में माइक्रोसॉफ्ट की कथित भूमिका पर सवाल उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि माइक्रोसॉफ्ट की तकनीक का इस्तेमाल इजरायल द्वारा गाजा में सैन्य कार्रवाइयों के लिए किया जा रहा है, जिसके परिणामस्वरूप हजारों फिलिस्तीनियों की मौत हुई। वानिया ने मंच से चिल्लाकर कहा, “माइक्रोसॉफ्ट की तकनीक से गाजा में 50,000 फिलिस्तीनियों की हत्या हुई है।

उनके खून पर जश्न मनाने के लिए आप सभी को शर्मिंदगी महसूस करनी चाहिए।” उन्होंने कंपनी से इजरायल के साथ संबंध तोड़ने की मांग की और माइक्रोसॉफ्ट पर “नरसंहार” में शामिल होने का आरोप लगाया। इस घटना के बाद सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें मंच से हटा दिया।वानिया ने इसके बाद कंपनी-व्यापी ईमेल के जरिए अपने इस्तीफे की घोषणा की। ईमेल में उन्होंने लिखा कि वह ऐसी कंपनी का हिस्सा नहीं रह सकतीं जो “शोषकों को तकनीकी ताकत देती है” और “हिंसक अन्याय” में शामिल है। उन्होंने अपना आखिरी कार्यदिवस 11 अप्रैल 2025 बताया। उनके इस कदम ने सोशल मीडिया पर व्यापक चर्चा छेड़ दी, जहां कुछ लोगों ने उनकी हिम्मत की तारीफ की, तो कुछ ने उनके दावों और कार्यशैली पर सवाल उठाए।वानिया की पृष्ठभूमि की बात करें तो, उन्होंने एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी से सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की थी।

अपने करियर की शुरुआत उन्होंने अमेजन में सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट इंजीनियर के रूप में की, जहां उन्होंने तीन साल से अधिक समय तक काम किया। इसके बाद 2023 में वह माइक्रोसॉफ्ट में शामिल हुईं और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस डिवीजन में काम कर रही थीं।यह घटना माइक्रोसॉफ्ट के लिए एक विवादास्पद क्षण बन गई, क्योंकि वानिया से पहले भी एक अन्य कर्मचारी, इब्तिहाल अबूसाद ने इसी तरह के आरोपों के साथ कंपनी के खिलाफ प्रदर्शन किया था। दोनों घटनाओं ने माइक्रोसॉफ्ट और इजरायल के बीच कथित 133 मिलियन डॉलर के क्लाउड और एआई कॉन्ट्रैक्ट को लेकर बहस को और तेज कर दिया। वानिया की स्टोरी न केवल उनकी निजी मान्यताओं और साहस को दर्शाती है, बल्कि टेक इंडस्ट्री में नैतिकता और कॉरपोरेट जिम्मेदारी जैसे बड़े सवालों को भी सामने लाती है।

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