वैश्विक बाजारवादी शक्तियों से रहना होगा सावधान

0
84

वैश्विक बाजारवादी शक्तियों ने भारत के आर्थिक, सामाजिक, रक्षा, कृषि, स्वास्थ्य इत्यादि क्षेत्रों को व्यापक रूप से प्रभावित किया है। ग्लोबलाइजेशन के बहाने विश्व के विकासशील देशों की अर्थव्यवस्था को नियंत्रित करने व संचालित करने करने के लिए कुछ मुट्ठीभर देश सक्रिय हैं। वैश्विक संगठन, गैरसरकारी संगठन, मल्टी नेशनल कम्पनियां, बिग टेक इनके टूल बनते हैं।

यह बातें ग्लोबल मार्केट फोर्सेस के स्टडी सर्कल के आयोजन में आज मंगलवार को सामने रखी गईं। आयोजन में कृषि, फार्मासूटिकल, रक्षा, बैंकिंग व फाइनेंस और ऑइल एंड गैस जैसे विषयों पर पॉवर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से कई महत्वपूर्ण तथ्य रखे गए।

कार्यक्रम में शोधार्थियों व विशेषज्ञों ने पीपीटी के माध्यम से स्टडी सर्कल के अब तक अध्ययन के बिंदु सामने रखे। साथ ही भविष्य की योजना पर प्रकाश डाला। इसमें बताया गया कि कैसे दुनिया के मुट्ठीभर ताकतवर लोग, संगठन, सरकार व मल्टीनेशनल कम्पनियां अपने आर्थिक लाभ के लिए विश्व को एक बाजार बना रहे हैं।

कार्यक्रम में विश्व में युद्धों के कारण पर भी प्रकाश डाला गया। रक्षा सौदों व विश्व के दवा बाजार में अमेरिका जैसे देशों के एकाधिकार पर भी चर्चा हुई।

आयोजन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मध्य क्षेत्र के प्रचार प्रमुख कैलाश चंद्र ने भी मार्गदर्शन दिया।

इस अवसर पर स्वामी महेशानंद सरस्वती जी, पवन जोशी, होटल व्यवसायी परमजीत खनूजा, छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स के प्रदेशाध्यक्ष व कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, पूर्व कृषि मंत्री चंद्रशेखर साहू, सच्चिदानंद उपासने, प्रवीन मैशेरी समेत व्यापार जगत, मीडिया, सामाजिक क्षेत्र, किसान, डॉक्टर्स, फार्मा विशेषज्ञ, रक्षा विशेषज्ञ उपस्थित रहे।

कार्यक्रम के संयोजक अश्विनी कौशिक थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ मंजरी बक्षी व गौरव जिंदल ने किया।जगदीश पटेल ने उपस्थित प्रबुद्धजनों का व स्थान देने के लिए जागृति मंडल ट्रस्ट के आभार माना।

Also read

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here