आजमगढ़। जनपद के प्रमुख शिक्षाविद एवं समाजसेवी बजरंग त्रिपाठी के असामयिक निधन से शिक्षा जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। जनपद के वरिष्ठ पत्रकार अब्दुल कादिर बागी ने इस दुखद घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि बजरंग त्रिपाठी के निधन से शिक्षा जगत को एक अपूरणीय क्षति हुई है। उन्होंने कहा कि उनकी द्वारा किए गए कार्य शिक्षा जगत में अविस्मरणीय और बहुमूल्य हैं।
शोक संदेश मे जनपद के वरिष्ठ पत्रकार अब्दुल कादिर बागी ने कहा, “बजरंग त्रिपाठी के योगदान और शिक्षण शैली ने लाखों लोगों को प्रेरित किया। उनकी शिक्षाएं सदैव हमारे साथ रहेंगी।” उन्होंने ईश्वर से प्रार्थना की कि वह त्रिपाठी जी के परिजनों को इस कठिनाई का सामना करने की शक्ति प्रदान करें। उन्होंने कहा कि यह एक अपूरणीय क्षति यह सत्य है कि जब हम ऐसे व्यक्तियों को खोते हैं, जो शिक्षा के क्षेत्र में इतना योगदान दे चुके हैं, तब उनकी अनुपस्थिति का स्थान भरना कठिन होता है।
उन्होंने कहा कि हमारी जिम्मेदारी व उत्तरदायित्व है कि हम उनके विचारों और कार्यों को आगे बढ़ाएं और उनके योगदान को याद रखें। उनके शिक्षा और समाज के प्रति समर्पण को हमें अपने जीवन में आत्मसात करना चाहिए। इस मौके पर उनके योगदान को श्रद्धांजलि अर्पित करने हेतु केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) से संबद्ध विद्यालयों के संगठन एवं यू.पी. बोर्ड संबद्ध विद्यालयों के संगठन ने कल एक दिवसीय शोक संवेदना कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया है।
इस अवसर पर जिले के सभी सीबीएसई, आईसीएसई, यू पी बोर्ड सहित सभी मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थानों में शिक्षण कार्य स्थगित रहेगा। यह निर्णय संगठन के अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद यादव, मंडल अध्यक्ष शिव गोविंद सिंह, अयाज़ अहमद खान, प्रदूम्न जायसवाल, अशोक खंडेलिया, आलोक जायसवाल, गौरव अग्रवाल, नितिन गौंड, संजय पाठक, देवी प्रसाद मौर्य, उमेश चौहान, रमाकांत वर्मा एवं अनिल यादव जिले के सभी विद्यालय प्रबंधर्कों की उपस्थिति में विचार-विमर्श के उपरांत लिया गया। सभी ने शिक्षाविद त्रिपाठी जी के शिक्षा क्षेत्र में दिए गए योगदान को अविस्मरणीय बताते हुए गहरा दुख व्यक्त किया।
संगठन की जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि दिवंगत आत्मा की शांति हेतु कल सभी विद्यालयों में प्रार्थना सभा आयोजित की जाएगी, जिसमें शिक्षक एवं स्टाफ सदस्य भाग लेंगे। बजरंग त्रिपाठी ने शिक्षा के क्षेत्र में अपना संपूर्ण’ जीवन समर्पित कर दिया था। उनकी शिक्षण पद्धति, अनुशासन और छात्रों के प्रति समर्पण भाव को सदैव स्मरण किया जाएगा।