अवधनामा संवाददाता
कुशीनगर। गंडक अचानक चेतावनी बिंदु को पार कर गई। जलस्तर चेतावनी बिंदु 95 मीटर से 28 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया। नदी में पानी बढ़ने से इसके किनारे बसे गांवों के लोगों की चिंता बढ़ गई है। इसका असर रविवार को सुबह से तमकुहीराज तहसील क्षेत्र में देखा गया। पानी बढ़ने की वजह से गंडक नदी ठोकरों से टकराने लगी, जिससे वहां कटान तेज हो गई। नदी का जलस्तर चेतावनी बिंदु के पास होने के कारण तटवर्ती गांववालों को फिर बाढ़ की चिंता सताने लगी है। हालांकि, शाम से पानी फिर घटने लगा।
गंडक नदी का डिस्चार्ज करीब एक सप्ताह तक सामान्य रहने के बाद शनिवार की रात अचानक बढ़ गया। यह स्थिति रविवार और सोमवार को भी रही। जलस्तर में वृद्धि होने से नरवाजोत में किमी 1.000 और किमी 1.700 से, तो एपी बांध के बिनटोली के सामने किमी 1.400, घघवा जगदीश में किमी 2.400, जवहीदयाल में किमी 3.300, बाकखास में किमी 9.600, बाघाचौर में किमी 12.600 और अहिरौलीदान में किमी 14.500 पर बने ठोकरों से नदी टकरा रही है। प्रभुनाथ यादव, मथुरा सिंह, बृजकिशोर साहनी, संजय सिंह, पप्पू यादव, दीनानाथ सिंह का कहना है कि नदी का जलस्तर घटने-बढ़ने से बैकरोलिंग का खतरा बढ़ जाता है, जो कभी-कभी बांध अथवा ठोकरों की सुरक्षा के लिए खतरनाक साबित होता है। ऐसी स्थिति में सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम जरूरी है। दूसरी ओर गंडक नदी के बंधे पर अब भी ठोकर निर्माण का कार्य चल रहा है।
बाढ़ खंड तृतीय के एडीओ रमेश यादव का कहना है कि डिस्चार्ज में कमी आने लगी है और इतने कम डिस्चार्ज में तटबंधों को कोई खतरा नहीं है। वैसे बंधों पर नजर रखी जा रही है। वाल्मीकि गंडक बैराज से छोड़े जाने वाले पानी का डिस्चार्ज शनिवार की रात दस बजे अचानक बढ़ गया। वह बढ़कर 1,35,000 क्यूसेक तक पहुंच गया। इससे नदी चेतावनी बिंदु 95 मीटर से 28 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गई। नतीजतन, आस-पास के गांवों के लोग परेशान हो गए। हालांकि, रविवार को पानी घटने लगा और जलस्तर चेतावनी बिंदु से नीचे आ गया। शनिवार को डिस्चार्ज 1,35,000 क्यूसेक तथा जलस्तर चेतावनी बिंदु से 28 सेंटीमीटर ऊपर चला गया था। हालांकि, रविवार को इसमें कमी आ गई। रविवार को सुबह आठ बजे खड्डा क्षेत्र में गंडक नदी में डिस्चार्ज घटकर 1,02,100 क्यूसेक पर आ गया था। दोपहर 12 बजे 97,500 क्यूसेक, दो बजे 95,200 क्यूसेक, शाम चार बजे 90,600 क्यूसेक और शाम पांच बजे 88,300 क्यूसेक पर आ गया था।