अवधनामा ब्यूरो
लखनऊ. कुरान की 26 आयतों को हटवाने की मांग लेकर सुप्रीम कोर्ट गए उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी के खिलाफ पूरे देश में गुस्सा उबाल पर है. देश के कई शहरों में वसीम रिजवी के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है और लखनऊ में आसिफी इमामबाड़े के बाहर मौलाना कल्बे जवाद के नेतृत्व में शिया-सुन्नी उलेमा के संयुक्त जलसे में उठी वसीम की गिरफ्तारी की मांग के बाद भारत सरकार एक्शन में आ गई है. अल्पसंख्यक आयोग भारत सरकार के संयुक्त सचिव ने वसीम रिजवी से सुप्रीम कोर्ट से अपनी याचिका वापस लेकर 21 दिन के भीतर माफी मांगने को कहा है. ऐसा नहीं करने पर सरकार कानूनी कार्रवाई करेगी.
अल्पसंख्यक आयोग भारत सरकार के संयुक्त सचिव डेनियल ई. रिचर्ड्स ने वसीम रिजवी को भेजे आदेश में कहा है कि पवित्र किताब कुरान पर पूरी दुनिया के मुसलमानों का गहरा विश्वास है. कुरान के खिलाफ बयानबाजी से देश में साम्प्रदायिक उन्माद भड़कने की संभावना पैदा हो गई है. इस याचिका से देश की एकता के सामने खतरा पैदा हो गया है.
इस आदेश में इस बात पर भी नाराजगी ज़ाहिर की गई है कि एक तरफ तो अदालत में याचिका दायर की गई तो दूसरी तरफ अपना बयान भी वायरल किया. इससे लोगों में ज़बरदस्त गुस्सा है.
वसीम रिजवी को आदेश दिया गया है कि वह अपना बयान डीलिट करें और अदालत से अपनी याचिका वापस लेकर देश से माफी मांगें.
इस आदेश में वसीम रिजवी को बताया गया है कि आयोग को अब्दुल माजिद निजामी, अली रज़ा जैदी, मोहम्मद फैज़ान चौधरी और मौलाना सैय्यद नज़र अब्बास ने आयोग से इस सम्बन्ध में लिखित शिकायत कर कार्रवाई को कहा है.
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इस शिकायत के बाद आयोग ने अपनी जांच में पाया है कि वसीम रिजवी के इस कृत्या से देश में अफरातफरी का माहौल बना है. क़ानून व्यवस्था प्रभावित हुई है. जांच में यह महसूस किया गया है कि साम्प्रदायिक सद्भाव को नुक्सान पहुंचाने के लिए यह सोची समझी साजिश है. भाईचारे को नुक्सान पहुंचाने के लिए ऐसा किया गया है. आदेश में कहा गया है कि वसीम रिजवी की इस हरकत की आयोग निंदा करता है और यह आदेश देता है कि याचिका वापस लेकर 21 दिन के भीतर वह माफी मांगें वर्ना उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.