अवधनामा ब्यूरो
नई दिल्ली. बिहार में राज्यपाल ने अपने कोटे से 12 एमएलसी के नामों की घोषणा की तो एनडीए में विरोध के स्वर सुनाई देने लगे. राज्यपाल द्वारा घोषित की गई एमएलसी के नामों वाली यह लिस्ट न तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पसंद आयी और न ही पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को. सत्ताधारी जेडीयू के प्रवक्ता को यह लिस्ट इतनी नागवार लगी कि उन्होंने अपनी ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया.
जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन को उम्मीद थी कि एमएलसी के नामों का चयन होगा तो पार्टी मेरे पक्ष में निर्णय लेते हुए मेरे नाम की सिफारिश करेगी. राजीव रंजन ने यहाँ तक कहा कि पार्टी में निष्ठा, योग्यता और कर्तव्य निभाने वालों को नहीं पूछा जाता. कहा तो यह जाता है कि नीतीश कुमार सबको साथ लेकर चलते हैं लेकिन एमएलसी मनोनयन में उन्होंने जाति विशेष की उपेक्षा की है.
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बिहार के राज्यपाल ने अपने कोटे से जिन्हें एमएलसी बनाया है उनमें उपेन्द्र कुशवाहा और नीतीश सरकार के दो मंत्रियों अशोक चौधरी और जनक राम का नाम शामिल है. जीतन राम मांझी की पार्टी के प्रवक्ता डॉ. दानिश रिजवान ने कहा है कि यह फैसला सहयोगियों से पूछकर लिया जाना चाहिए था.