अवधनामा ब्यूरो
लखनऊ. कानपुर के बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर चर्चा का केन्द्र बने गैंगस्टर विकास दुबे के पास अमरीकी सेना की स्प्रिंगफील्ड रायफल भी थी. यह वही रायफल है जिससे अमरीकी सेना ने प्रथम विश्वयुद्ध में दुश्मन देशों पर विजय प्राप्त की थी. जानकारी मिली है कि विकास दुबे ने आठ पुलिसकर्मियों की हत्या में इसी रायफल का इस्तेमाल किया था.
कानपुर पुलिस की पड़ताल में पता चला है कि यह अमेरिकन सेमी ऑटोमेटिक स्प्रिंगफील्ड रायफल विकास दुबे के भांजे शिव तिवारी ने एक गनहाउस संचालक से खरीदी थी. इस गनहाउस संचालक ने इस रायफल के ऑटोमेटिक फंक्शन को निष्क्रिय किये बिना ही बेच दिया था. एसटीएफ ने इस रायफल में ऑटोमेटिक फंक्शन के सक्रिय पाए जाने के बाद कानपुर पुलिस से गन हाउस संचालक के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है.
जानकारी के अनुसार इस रायफल का प्रयोग अब बंद हो चुका है. इसका लाइसेंसी हथियार के रूप में इस्तेमाल नहीं हो सकता है. प्रथम विश्वयुद्ध में इस्तेमाल होने वाली यह रायफल अब सेना द्वारा कंडम घोषित की जा चुकी है. सेना अपने रिटायर्ड अधिकारियों को इसे बेहद कम दाम में बेच देती है. हालांकि उन्हें देते वक्त भी इसका ऑटोमेटिक सिस्टम निष्क्रिय करना ज़रूरी होता है. ऑटोमेटिक फंक्शन निष्क्रिय होने के बाद यह साधारण रायफल की तरह से काम करती है. ऑटोमेटिक सिस्टम निष्क्रिय करने के बाद इसे लाइसेंसी रायफल की तरह से रखा जा सकता है.
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कानपुर पुलिस के मुताबिक़ विकास दुबे ने अपनी पहुँच का इस्तेमाल कर इसे हासिल किया था. उसके पास इस तरह की दो रायफल होने की वजह से मौके पर पहुंची पुलिस टीम उसका मुकाबला नहीं कर पायी थी. इस रायफल में 10 कारतूस भरकर इन्हें लगातार चलाया जा सकता है.