आपराधिक छवि बदलने की नाकाम कोशिश में जुटा गुंडा एक्ट में निरुद्ध रहा शातिर

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अवधनामा संवाददाता

बाराबंकी। सैदनपुर का नामी शातिर बदमाश इस समय चर्चा का विषय बना हुआ है। अपने आतंक वाले इलाके में होर्डिंग वार छेड़ छवि बदलने की कोशिश लोगों को हैरत में डाल रही। यही नही एक सामाजिक संगठन का स्वघोषित अध्यक्ष बनना लोगों के गले नीचे नही उतर रहा। यहां बता दें कि इनकी छवि के चलते ही इन्हें थाने में हर हफ्ते हाजिरी भी दर्ज करानी है और शांति का आचरण भी बनाये रखना है। ऐसी ताकीद जारी की गई है।
असल मे मामला यह है कि शहर के एक हिस्से यानी सट्टी बाजार में नाले के अलावा सफदरगंज कस्बे में लगी होर्डिंग लोगों को दिखते ही हैरान कर गई। जो भी इनसे जरा भी परिचित था उसने दांतो तले उंगली दबा ली, उनके मुंह से यही निकला सौ सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली। सफदरगंज थाना क्षेत्र के क़स्बा सैदनपुर के रहने वाले अनवार अली पुत्र अब्दुल खालिद की गिनती इलाके के उच्च कोटि के शातिर बदमाशों में की जाती हैं। इसके खिलाफ 2016 में गुंडा एक्ट की कार्रवाई हो चुकी और समाज मे इनके डर, आतंक व आपराधिक मामलों को देखते हुए जिला बदर किया जा चुका, यह बात अलग है कि यह शख्स थाना पुलिस से साठ गाँठ के चलते इलाके में ही घूमता रहा। फिलहाल डीएम न्यायालय पर मामला विचाराधीन है और गुंडा एक्ट की कार्रवाई प्रचलन में है। एक तरह से समाज मे शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए इन्हें प्रतिबंधित करने के साथ ही थाने में सप्ताह में एक बार हाजिरी और इनकी गतिविधियों पर नजर रखने के सख्त निर्देश जारी हैं। शातिर अनवार अली पर थाने में तमाम आपराधिक मामले दर्ज हैं व इलाके में इनकी छवि बतौर गुंडा बनी हुई है। इनकी हालिया हरकतों पर नजर डाली जाए तो एक बात साफ है कि आम छवि को बदलने की पूरी कोशिश की जा रही। अनवार ने शहर में होर्डिंग लगवाई और उसमें खुद को कथित तौर पर राईन समाज का जिलाध्यक्ष भी करार दे दिया। यही नही अनवार अली भाजपा के एक बड़े नेता की आंखों में धूल झोंक कर भाजपा खेमे में चक्कर भी लगा आये, सदस्य भी बन गए पर 24 घण्टे बाद ही मोहभंग हो गया।
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