तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के कॉलेज ऑफ़ एग्रीकल्चर के करीब तीन दर्जन से अधिक छात्र-छात्राओं ने उत्तराखंड की इंडस्ट्रियल विजिट की। विजिट में शामिल इन स्टुडेंट्स ने जसपुर की श्रीराम साल्वेंट इंडस्ट्री का भ्रमण करके बायो फर्टिलाइज़र और बायो पेस्टीसाइड के उत्पादन की तकनीक को बरीकी से देखा और समझा। निदेशक सुरेंद्र सिंह और टेक्निकल ऑफिसर योगेश जोशी ने इन छात्रों को जैविक कृषि उर्वरकों और तकनीक के बारे में विस्तार से बताया। दोनों अफसरों ने छात्र-छात्राओं के सवालों और जिज्ञासाओं का भी उत्तर दिया। एग्रीकल्चर के छात्रों ने इन आला अफसरों से पूछा, प्रोडक्शन कैसे होता है? स्टैण्डर्ड और क्वॉलिटी का मापन क्या है? स्टार्टअप के नियम क्या हैं? लाइसेंस लेने की क्या प्रक्रिया है? भारत सरकार की गाइडलाइन्स क्या कहती हैं?
श्रीराम साल्वेंट के निदेशक सुरेंद्र सिंह ने छात्रों के इस दल को अपने सारगर्भित सम्बोधन में परम्परागत खेती, जीरो बजट फार्मिंग, उत्पादन बढ़ाने के तरीके, आय दोगुनी करने और प्रदुषण रहित खेती के तमाम टिप्स दिए। इंडस्ट्रियल विजिट करने वालों में बीएससी फाइनल ईयर के निकिता गोयल, रागिनी पुनेठा, विभूति कुमारी, नंदा कुमार एम., मणिमारन टी., मितांश जैन आदि छात्र-छात्राएं शामिल रहे। ये छात्र श्रीराम साल्वेंट में करीब दो घंटे रहे। छात्रों का यह दल फैकल्टी डॉ. आशुतोष अवस्थी और डॉ. देवेंद्र पाल के नेतृत्व ने जसपुर गया था। टीचर्स और स्टुडेंट्स ने इस एक्सपीरिंशियल लर्निंग प्रोग्राम को सुगम बनाने के लिए निदेशक छात्र कल्याण प्रो. एमपी सिंह और एग्रीकल्चर कॉलेज के असिस्टेंट रजिस्ट्रार विशेष चौधरी का आभार व्यक्त किया है।