अमेरिका ने गाजा पर इजराइल को चेताया, नेतन्याहू ने कहा-फैसला राष्ट्रीय हित के आधार पर लेंगे

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अमेरिका ने इजराइल को पत्र भेजकर गाजा पर सैन्य सहायता में कटौती की चेतावनी दी है। पत्र में चेताया गया है कि अगर उसने आगामी 30 दिन के भीतर गाजा में मानवीय आपूर्ति का प्रवाह नहीं बढ़ाया तो वह सैन्य सहायता खो सकता है। इस बीच इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने मंगलवार को बयान जारी किया है। इसमें कहा गया है कि इजराइल संयुक्त राज्य अमेरिका की राय की अनदेखी नहीं करता पर अंतिम निर्णय अपने राष्ट्रीय हितों के आधार पर लेता है। यह पत्र रविवार को इजराइल के रक्षामंत्री योव गैलेंट और रणनीतिक मामलों के मंत्री रॉन डर्मर को भेजा गया है। इस पर अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन और विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के हस्ताक्षर हैं।

द न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर के अनुसार, अमेरिकी कानून ऐसे किसी भी देश को सैन्य सहायता देने से रोकता है जो अमेरिका प्रदत्त मानवीय आपूर्ति में बाधा डालता पाया जाता है। बावजूद इसके अमेरिका, इजराइल की सैन्य सहायता कर रहा है। हाल ही में एक उन्नत वायु रक्षा प्रणाली और उसे संचालित करने के लिए 100 सैनिकों को भेजा गया है। अमेरिकी और अंतरराष्ट्रीय अधिकारियों ने हाल के सप्ताहों में चेतावनी दी है कि गाजा में विशेषकर उत्तर में स्थितियां और खराब हो रही हैं। विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने मंगलवार को वाशिंगटन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में इजराइल को पत्र भेजने की पुष्टि की। मिलर ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में मानवीय सहायता भेजने में 50 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है।

अमेरिकी अखबार द न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर में कूटनीतिक अधिकारियों की पहचान को छुपाते हुए उनके हवाले से कहा गया है कि इजराइल के अगले हमले ईरान के सैन्य ठिकानों पर केंद्रित होंगे। बाइडेन प्रशासन का मानना ​​​​है कि अगर इजराइल तेल या यूरेनियम संवर्धन स्थलों पर हमला करता है, तो यह मध्य पूर्व शत्रुता में नाटकीय रूप से वृद्धि कर सकता है। इजराइली अधिकारियों के अनुसार, अगर आईडीएफ ईरानी परमाणु और तेल साइटों को छोड़ भी देते हैं, तब भी वह ईरानी मिसाइल लॉन्चरों, भंडारण डिपो और मिसाइलों और ड्रोन का उत्पादन करने वाली फैक्ट्रियों साथ ही सैन्य ठिकानों और सरकारी इमारतों को निशाना बना सकते हैं।

ईरान के कुद्स फोर्स के प्रमुख डिप्टी कमांडर जनरल अली फदावी ने मंगलवार को लेबनान में इजराइली हवाई हमले में मारे गए एक जनरल के अंतिम संस्कार में संवाददाताओं से कहा कि ईरान चुप नहीं बैठेगा। वहीं, हिजबुल्लाह नेता शेख नईम कासिम ने कहा कि इजराइल में घुसकर हमला किया जाएगा। कासिम ने कहा कि केवल संघर्ष विराम ही इस हमले को रोक सकता है। संघर्ष विराम होने पर ही हिजबुल्लाह रॉकेट हमले से विस्थापित लगभग 60,000 इजराइलियों को लेबनान की सीमा के पास अपने घरों में लौटने की अनुमति देगा।

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