रूस और उत्तर कोरिया के लगातार गहराते संबंधों को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा है कि रूस को उत्तर कोरिया पर संयुक्त राष्ट्र की तरफ से लगाए गए प्रतिबंधों का पालन करना चाहिए। रूसी संघ सहित किसी भी देश के साथ डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया (डीपीआरके) के संबंध में उसपर लागू प्रतिबंधों का पालन करना होगा।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव गुटेरेस ने शुक्रवार को पत्रकारों से यह बात तब कही जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन द्वारा बुधवार को ऐसे समझौते पर हस्ताक्षर का आरोप है, जिसमें यूक्रेन के खिलाफ इस्तेमाल के लिए प्योंगयांग की तरफ से रूस को हथियार हस्तांतरित किए जाएंगे। हालांकि मॉस्को और प्योंगयांग ने आरोपों से इनकार किया है।
अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन, दक्षिण कोरिया और जापान के अनुरोध पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् 28 जून को बैठक करेगा जिसमें परिषद के प्रस्तावों के उल्लंघन को लेकर प्योंगयांग की तरफ से हथियारों के हस्तांतरण पर चर्चा होगी। उत्तर कोरिया अपने परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रमों को लेकर 2006 से संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों के अधीन है। इसके बावजूद उत्तर कोरिया को रूस का लगातार समर्थन मिलता रहा है।
दरअसल, उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोन उन के तौर-तरीकों से निबटने में पिछले कई वर्षों से 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद् का विभाजित रुख है। रूस और चीन का कहना है कि अधिक प्रतिबंधों से मदद नहीं मिलेगी और वे प्रतिबंधों में ढील चाहते हैं। दोनों देशों का यह भी कहना है कि अमेरिका और दक्षिण कोरिया के संयुक्त सैन्य अभ्यास ने प्योंगयांग को उकसाया है। हालांकि वाशिंगटन ने बीजिंग और मॉस्को पर उत्तर कोरिया को और अधिक प्रतिबंधों से बचा कर उसका हौसला बढ़ाने का आरोप लगाया है।