दो रोज़ा सालाना उर्स मुबारक कुल शरीफ के बाद हुआ पूरा

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अवधनामा संवाददाता

फरमाने मुस्तफा है ये मशहूरे ज़माना
शामिल इबादतो में ज़्यारत अली की है-नदीम अहमद

इटावा। हज़रत माशूक अली शाह उर्फ पंजाबी शाह बाबा रह०का दो रोज़ा सालाना उर्स मुबारक कुल शरीफ के बाद हुआ पूरा।बाद नमाज फजर कुरआन ख्वानी से उर्स का हुआ आगाज़ हुआ।
अंजुमन मुहिब्बाने माशूक अली कमेटी चौखर कुंआ के सदर शाकिर अली ने बताया कि बाद नमाज इशा मीलाद शरीफ़ नातिया मुशायरा हुआ जिसकी सदारत हज़रत मौलाना अब्दुल वाजिद अशरफी ने और निजामत रौनक अशरफी इटावी ने की।शायर हाशिम नईमी ने कहा अल्लाह का करम है इनियात रसूल की
रग-रग में बस गई है मोहब्बत रसूल की
नदीम अहमद एडवोकेट ने कहा फरमाने मुस्तफा है ये मशहूरे जमाना
शामिल इबादतो में ज़्यारत अली की है।रौनक आशरफी इटावी ने कहा खुद ही खुदा ने कहा है ऐसा कोई नहीं
फखरे नबूवत आप है दूजा कोई नहीं।
हाफिज मोहम्मद अहमद अकबरी, हाफिज मोहम्मद कैफ रजा,हाफिज कारी उमर बरकाती,हाफिज आफाक अफजल चिश्ती,उमर दीन,मशकूर आलम ने शानदार कलाम पेश किया।हाजी गुड्डू मंसूरी,वसीम चौधरी,सभासद शरद बाजपेयी,अज़ीम वारसी,अहमद अली,कासिम फारूकी अशरफी के अलावा कमेटी के नायव सदर सतीक मंसूरी,कमाल अहमद चिश्ती व मु०अफज़ल,नाज़िर अली,आसिफ अली,आरिफ अली,शाहिर अली,औसाफ चिश्ती,जुनैद राजू राइन,नवी मुहम्मद आदि लोग मौजूद रहे।उर्स के अंतिम दिन बाद नमाज असर सदल शरीफ़ चादर पोशी बाद नमाज़ मगरिब हाजी शेख़ शकील अशरफी की जानिब से गागर और चादर पोशी की गई।बाद नमाज इशा मेहफिले सिमा हुई उसके बाद कुल शरीफ हुआ जिसमे मुल्क में अमन चैन भाई चारा कायम रहे ख़ास दुआ की गई।

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