अवधनामा संवाददाता
बांसी सिद्धार्थनगर। (Bansi Siddharthnagar) बांसी स्थित रतन सेन महाविद्यालय के शिक्षक शिक्षा विभाग में बुधवार को दो दिवसीय संगोष्ठी एवं समूह परिचर्चा सम्पन्न हुई। कार्यक्रम का आयोजन शिक्षक शिक्षा विभाग के प्राध्यापक डॉ. हंसराज कुशवाहा के निर्देशन में सम्पन्न हुआ। डॉ. कुशवाहा ने विभाग के प्राध्यापकों- डॉ. अर्चना मिश्रा, डॉ. रामबाबू पाल एवं डॉ. सन्तोष कुमार सिंह के साथ चर्चा के उपरान्त शिक्षा मनोविज्ञान से सम्बन्धित दस विषयों- ‘प्रतिभाशाली बालक पैदा नहीं होते बल्कि बनाये जाते हैं’, ‘प्रकृति एवं पोषण विवाद’, ‘अभाव का प्रभाव’, अच्छी नागरिकता लोगों के आपसी सम्बन्धों की अच्छाई-बुराई पर निर्भर करती है’ आदि का चयन किया।
समूह परिचर्चा हेतु विद्यार्थियों को लाॅटरी विधि से दस समूहों में वर्गीकृत किया गया तथा यादृच्छिक प्रतिदर्श चयन प्रविधि से विषयों का आवंटन किया गया। प्रत्येक समूह के सभी प्रतिभागियों ने अपने-अपने आवंटित विषय पर प्रस्तुतीकरण दिया एवं सहप्रतिभागियों द्वारा उठाये गए प्रश्नों का प्रभावशाली ढंग से उत्तर दिया। समूह परिचर्चा के दौरान सर्वेश कुमार, रामजीत, कार्तिकेय, अनुराधा, अन्तिमा, वैष्णवी, सुनील कुमार, मधुसूदन, कृष्ण कुमार, रमा मालवीय आदि छात्राध्यापक-छात्राध्यापिकाओं ने स्वानुभवों के साथ-साथ कुछ मनोवैज्ञानिकों, वैज्ञानिकों, विद्वानों एवं प्रेरक व्यक्तियों के जीवन से जुड़े हुए कुछ दृष्टान्तों के माध्यम से अपने-अपने विषय को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया एवं पूछे गए प्रश्नों का सटीक उत्तर दिया।
संगोष्ठी के समापन सत्र में डॉ. रामबाबू पाल ने इस कार्यक्रम के आयोजक डॉ. हंसराज कुशवाहा को सफलतापूर्वक कार्यक्रम सम्पन्न कराने के लिए बधाई दी एवं उन्होंने बताया कि इस प्रकार के कार्यक्रम विद्यार्थियों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने एवं तार्किक चिन्तन के लिए बहुत ही आवश्यक हैं। डॉ. पाल ने विद्यार्थियों को भविष्य में इस प्रकार के कार्यक्रमों में बढ़ चढ़कर प्रतिभाग करने के लिए प्रेरित किया।
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