Thursday, May 15, 2025
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पद्मश्री अनवर जलालपुरी की सातवीं पुण्यतिथि पर मौलाना आज़ाद कालेज मे दी गयी श्रद्धांजलि

जलालपुर अंबेडकरनगर – विश्व विख्यात शायर,शिक्षाविद,पदमश्री अनवर जलालपुरी की सातवीं पुण्यतिथि पर मौलाना आज़ाद गर्ल्स इन्टर कॉलेज जलालपुर में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया है। अनवर जलालपुरी का जन्म 6 जुलाई सन 1947 को जलालपुर अंबेडकर नगर में हुआ था। उनका निधन 2 जनवरी सन 2018 को हुआ। पदमश्री अनवर जलालपुरी अच्छे शायर होने के साथ ही बेहतरीन मंच संचालक भी थे। वे अपनी शायरी के जरिए हमेशा हिंदू और मुसलमानों के बीच एकता का पैगाम देते रहे।पैगाम फाउंडेशन के तत्वावधान में बृहस्पतिवार को मौलाना आजाद गर्ल्स इंटर कॉलेज जलालपुर में कुरान ख्वानी,मेधावी छात्राओं का सम्मान समारोह,सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं श्रद्धांजलि सभा आयोजन किया गया।पदमश्री अनवर जलालपुरी ने कई धर्म के धार्मिक ग्रंथों का आसान उर्दू भाषा में अनुवाद कर एक मिसाल कायम की थी।उन्होंने गीता का उर्दू शायरी में अनुवाद किया है जो काफी चर्चित पुस्तक है अनवर जलालपुरी ने भगवत गीता के 18 अध्यायों में समाहित 700 श्लोकों का 1761 अशआर में तर्जुमा किया था, जिसे दुनिया भर में खूब सराहा गया। उनके योगदान पर भारत सरकार ने मरणोपरांत पदमश्री सम्मान से नवाजा।

वही वे अपने जीवन काल में यश भारती सहित दर्जनों सम्मान से नवाजे गए। कार्यक्रम में विद्यालय प्रबंधक मौलाना मोहम्मद खालिद कासमी ने कहा कि “मैं जा रहा हूं….. मेरा इंतजार मत करना…..यह कहकर अनवर जलालपुरी तो 2 जनवरी 2018 को दुनिया से अलविदा कह गए लेकिन ऐसे रौशन सितारे की चमक भला कब अलविदा कहती है। अशआर की शक्ल में जो नगीना अनवर जलालपुरी दे गए उनका रुतबा उस वक्त और बढ़ गया जब पदम पुरस्कारों की घोषणा हुई।प्रधानाचार्या गुलिस्तां अंजुम ने कहा कि अनवर जलालपुरी देश के जाने-माने शायर थे उन्होंने विदेशों में भी हिंदी,उर्दू का परचम लहराया था।प्रधानाध्यापक जनाब मास्टर असरार अहमद साहब ने कहा कि अनवर जलालपुरी ने उर्दू और हिंदी ज़ुबान के बीच सेतु की तरह थे।धर्म विशेष के ग्रंथ माने जाने वाले गीता को उन्होंने मुस्लिमों के बीच भी पहुंचाया।गीता के श्लोक का उन्होंने हिंदी के साथ ही उर्दू ज़ुबान में अनुवाद किया। एक बड़ा वर्ग गीता के सार्थक संदेशों को आत्मसात कर सका।कार्यक्रम का संचालन विद्यालय प्रभारी जमशेद अकबाल एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यालय प्रबंधक मौलाना मोहम्मद खालिद कासमी ने किया।उक्त अवसर पर विद्यालय सेक्रेटरी मोहम्मद अहमद,हाजी इरफान अहमद, मास्टर अबुल कलाम,अतीकु उर रहमान,आमिना खातून, तज्यींन आएशा,हमना मरियम,फरहीन फातमा,हेरा फातमा,शेर अब्बास,गौरव कुमार,सानिया सिराज,मौहम्मद अहमद, मोहम्मदी खातून,आबिदा खातून,मौहम्मद शाहिद जमाल,मरगूब अहमद,उमैजा मरियम,शशि कला विद्यालय के शिक्षक शिक्षिकाएं एवं समस्त स्टाफ उपस्थित रहे।

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