Wednesday, September 17, 2025
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कृमि संक्रमण से बचाव के लिए साल भर में दो बार दवा खाना जरूरी

जिले भर में मनाया गया राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस

सीएमओ ने एडी गर्ल्स इंटर कॉलेज में किया अभियान का उद्घाटन

गोरखपुर। जिले भर में सोमवार को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस (एनडीडी) मनाया गया। इसके तहत एक से उन्नीस वर्ष तक के लाभार्थियों को पेट से कीड़े निकालने की दवा खिलाई गई। सीएमओ डॉ राजेश झा ने शहर के एडी गर्ल्स इंटर कॉलेज से अभियान का उद्घाटन किया। उन्होंने अपने सामने छात्राओं को दवा का सेवन कराया। सीएमओ डॉ झा ने बताया कि पेट में कृमि संक्रमण को रोकने के लिए साल भर में छह-छह माह के अंतराल पर दो बार पेट से कीड़े निकालने की दवा खाना आवश्यक है ।

सीएमओ डॉ झा ने बताया कि जिले के करीब पंद्रह लाख लाभार्थियों को दवा खिलाने का लक्ष्य निर्धारित है। जो लाभार्थी राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर दवा का सेवन नहीं कर सके हैं उन्हें 14 अगस्त को माप अप राउंड के दौरान दवा खिलाई जाएगी। जिले के 2893 सरकारी स्कूलों, 3300 निजी स्कूलों और सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर लाभार्थियों को पेट से कृमि निकालने की दवा खिलाई जानी है।

इस अवसर पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी आरसीएच डॉ एके चौधरी ने बताया कि स्वस्थ आदतों का विकास करके भी कृमि संक्रमण से बचा जा सकता है । शरीर में कृमि संक्रमण के कारण खून की कमी, कुपोषण, थकावट व बीमारी एवं कमजोरी की दिक्कत हो जाती है । इससे बचाव के लिए प्रत्येक छह माह में खिलाई जाने वाली दवा पूरी तरह से सुरक्षित है। इसी कड़ी में ग्यारह अगस्त को दवा खिलाई गई है। इसका सेवन शिक्षक और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के सामने ही किया जाना चाहिए। अभियान में किसी कारण दवा न खाने वाले लाभार्थियों के अभिभावक, उनसे जुड़े शिक्षक और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता उन्हें 14 अगस्त को को मॉप अप राउंड के दौरान इस दवा का सेवन अवश्य करवा दें।

इस अवसर पर पुर्दिलपुर की प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ ऐनुला गुप्ता, कॉलेज की प्रधानाचार्य किरनमयी तिवारी, डीसीपीएम रिपुंजय पांडेय, डीईआईसी मैनेजर डॉ अर्चना और अभियान से जुड़े स्वास्थ्यकर्मी तथा शिक्षकगण मौजूद रहे।

कृमि संक्रमण से बचाव के यह भी हैं उपाय

• नाखून साफ और छोटे रखें
• खाना ढक कर रखें
• खाने से पहले और शौचालय का इस्तेमाल करने के बाद साबुन पानी से हाथ धोएं
• जब भी बाहर निकलें जूते पहनें
• पीने के लिए साफ पानी का इस्तेमाल करें
• हमेशा शौचालय का इस्तेमाल करें, खुले में शौच न करें
• आसपास साफ सफाई रखें

कृमि संक्रमण के लक्षण

सीएमओ डॉ झा ने बताया कि गंभीर कृमि संक्रमण से दस्त, पेट में दर्द, कमजोरी, उल्टी और भूख न लगने जैसे लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं। हल्के संक्रमण में यह लक्षण नहीं दिखते हैं, इसलिए बचाव की दवा सभी को खानी चाहिए। दवा का सेवन करने से कुछ बच्चों में जी मिचलाने, उल्टी और दस्त जैसे लक्षण आ सकते हैं जो स्वतः ठीक हो जाते हैं। दवा का सेवन हमेशा खाना खाने के बाद ही करना है । गर्भवती को दूसरे या तीसरे तिमाही के दौरान एक बार इस दवा का सेवन अवश्य करना चाहिए ।

हुई सांस्कृतिक प्रस्तुति

राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के उद्घाटन समारोह में एडी गर्ल्स इंटर कॉलेज की छात्राओं ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दीं। इस दौरान कृमि मुक्ति की दवा के गुणों के बारे में भी विस्तार से चर्चा हुई। दवा खिलाने के साथ-साथ छात्राओं को बिस्किट आदि भी वितरित किया गया।

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