प्राचीन आयुर्वेद के सिद्धांतों को जैव प्रौद्योगिकी के माध्यम से आधुनिक चिकित्सा क्षेत्र में बहुउपयोगी बनाने पर होगी चर्चा
उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि होंगे आईसीएमआर के पूर्व महानिदेशक पद्मश्री प्रो. बलराम भार्गव
गोरखपुर । महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर (एमजीयूजी) द्वारा संचालित संबद्ध स्वास्थ्य विज्ञान संकाय के तत्वावधान में सोसाइटी फॉर बायोटेक्नोलॉजिस्ट इंडिया (एसबीटीआई) के सहयोग से 30 मार्च से 1 अप्रैल तक तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। ‘आयुर्वेद एवं बायोमेडिकल विज्ञान में जैव प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग’ विषयक संगोष्ठी में उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि आईसीएमआर के पूर्व महानिदेशक पद्मश्री प्रो. (डॉ.) बलराम भार्गव होंगे।
यह जानकारी एमजीयूजी में संबद्ध स्वास्थ्य विज्ञान संकाय के अधिष्ठाता प्रो. सुनील कुमार सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि पदमश्री डॉ. भार्गव ने कोविड-19 महामारी से निपटने में अग्रणी भूमिका निभाई और वैक्सीन के विकास-अनुसंधान के लिए मार्ग प्रशस्त करने में उल्लेखनीय योगदान दिया। विषय विशेषज्ञ के रूप में उनकी उपस्थिति से संगोष्ठी के प्रतिनिधियों और विद्यार्थियों का ज्ञानार्जन होगा।
प्रो सुनील कुमार सिंह ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी से प्राचीन आयुर्वेद के सिद्धांतों को जैव प्रौद्योगिकी के माध्यम से आधुनिक चिकित्सा क्षेत्र में बहुउपयोगी बनाने का प्रयास किया जाएगा। आयोजन समिति के सचिव डॉ. अमित दुबे और डॉ अनुपमा ओझा ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के लिए देश के कई राज्यों के विशेषज्ञों के साथ इजरायल, नेपाल, श्रीलंका, कोरिया, अमेरिका, इंग्लैंड, जर्मनी आदि से भी विषय विशेषज्ञ प्रतिभाग कर रहे हैं।