अवधनामा संवाददाता
महारानी लक्ष्मीबाई व इन्द्रिरा गांधी की जयन्ती पर कवि सम्मेलन संपन्न
ललितपुर। महारानी लक्ष्मीबाई झांसी एवं इन्दिरा गांधी के जन्म दिवस के अवसर पर कौमी एकता की प्रतीक साहित्यिक संस्था हिन्दी, उर्दू, अदबी, संगम के बैनर तले कचहरी प्रागण में कवि सम्मेलन एवं मुशायरा का आयोजन किया गया है, जिसकी अध्यक्षता वरिष्ठ कवियित्री सुमनलता शर्मा चांदनी ने की एवं मुख्य अतिथि डा.खेमचन्द्र वर्मा पूर्व मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने की एवं कार्यक्रम का सफल संचालन संस्था अध्यक्ष रामकृष्ण कुशवाहा एड. किशन ने किया। उन्होंने शेर पढ़ते हुये कहा, जो वतन के काम न आये उसकी बेकार जबानी है। उठो जबानो खून तुम्हारा हो गया क्या पानी है, चूडिय़ो वालो हाथों ने जब भी तलवार उठाई है मेरे देश की हर नारी बन गयी झांसी की रानी है। रामस्वरूप नामदेव अनुरागी ने रचना पेश करते हुये कहा, तोपो और बन्दूको से भी डरी नही वो रानी, खूब लड़ी मर्दानी वो थी झांसी वाली रानी। राधे श्याम ताम्रकार ने गीत पेश करते हुये कहा, होकर सुता सवार ढाल, तलवार ले चली, भारत मां की लाडली आज ललकार के चली। विक्की रत्नाकर ने गजल पेश करते हुये कहा कि, मंजलो का पता नही रास्तो को निशा नही है, ये मुसाफिर रूक भी जाओ कोई ये बात कहता नही है। डा.खेमचन्द्र वर्मा ने गीत पेश करते हुये कहा, एक शेरनी जिसने अंग्रेजो को भारत से भगाया था, दूसरी शेरनी जिसने पाकिस्तान को हराया था। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही वरिष्ठ कवियिति सुमनलता शर्मा चांदनी ने कहा शक्ति स्वरूपा है, मेरे भारत की नारिया जिनसे महक रही हे देखो केसर की क्यारियां। कार्यक्रम में उपस्थित अन्य कवियों में सरवर हिन्दुस्तानी, एमएल भटनागर मामा, काका ललितपुरी, किशन सिंह बंजारा एवं नवोदित कवियों में अंशु एवं माही कुशवाहा ने खूबसूरत शेर पढे। श्रोताओ में रामप्रसाद शर्मा, गणेश रजक, बृजेश श्रीवास्तव, शनि यादव, रामनारायण, पदमचन्द्र कुशवाहा, उत्तमचन्द्र जैन एड., राजाराम खटीक एड., मनीष कुशवाहा, अर्चना गौतम एड., दीपक गौतम आदि श्रोतागण उपस्थित थे। कार्यक्रम के अंत में संस्था अध्यक्ष रामकृष्ण कुशवाहा एड. द्वारा सभी का आभार व्यक्त किया गया।