अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से होने वाले आयात पर 50% टैरिफ लगा दिया है जिसका कारण रूस से कच्चा तेल खरीदना बताया गया है। इस निर्णय से दोनों देशों के रिश्तों में तनाव बढ़ गया है और अमेरिका के भीतर भी इसकी आलोचना हो रही है। कर्ट कैंपबेल ने इसे भारत-अमेरिका रिश्तों के लिए खतरे की घंटी बताया है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से होने वाले आयात पर 50% टैरिफ लगा दिया है। ट्रंप ने इसके पीछे की वजह भारत द्वारा रूस से कच्चा तेल खरीदने को बताया है। इस फैसले से दोनों देशों के रिश्तों में तनाव बढ़ गया है और अमेरिका के भीतर इसकी कड़ी आलोचना हो रही है।
अमेरिका के दोनों बड़े राजनीतिक दल रिपब्लिकन और डेमोक्रेट के नेताओं ने इस फैसले पर नाराजगी जताई है। उनका मानना है कि इससे अमेरिका और भारत के बीच बना रणनीतिक भरोसा कमजोर हो सकता है।
पूर्व डिप्टी सेक्रेटरी ने बताया खतरे की घंटी
अमेरिका के पूर्व डिप्टी सेक्रेटरी ऑफ स्टेट कर्ट कैंपबेल ने ट्रंप के इस कदम को भारत-अमेरिका रिश्तों के लिए खतरे की घंटी बताया। उन्होंने CNBC इंटरनेशनल से बातचीत में कहा, “21वीं सदी में अमेरिका का सबसे अहम रिश्ता भारत के साथ है। लेकिन ट्रंप की भाषा और फैसलों से यह रिश्ता खतरे में पड़ गया है।”
कैंपबेल ने यहां तक कह दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ट्रंप के सामने झुकना नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर अमेरिका भारत पर रूस से दूरी बनाने का दबाव डालेगा तो भारत उल्टा रास्ता अपना सकता है।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय का बयान
इस बीच, अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच स्पष्ट और खुली बातचीत चल रही है। मंत्रालय ने भारत को रणनीतिक साझेदार बताया और भरोसा दिलाया कि रिश्तों को मजबूत बनाए रखने की कोशिश की जा रही है। हालांकि, ट्रंप ने एक बयान में साफ कहा कि जब तक टैरिफ विवाद नहीं सुलझेगा, तब तक भारत से कोई व्यापार वार्ता नहीं होगी।