पलक के अरमानों को लगे पंख

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अवधनामा संवाददाता

कोरोना काल में पलक ने पिता को गवाया

इंटर की परीक्षा के साथ क्वालीफाई किया नीट की परीक्षा

कुशीनगर। कोरोना काल में पिता अनूप बरनवाल को खो देने वाली पलक बरनवाल ने अपने प्रथम प्रयास में ही डॉक्टर बनने के स्वर्गीय पिता के सपने को साकार किया है।

पड़रौना नगर के जगदीश पुरम कॉलोनी निवासी स्व. अनूप बरनवाल व प्रीतम बरनवाल दंपति की होनहार बेटी पलक बरनवाल बचपन से ही होनहार थी। चिकित्सक बनने का उसका सपना उम्र के 17वें पड़ाव में साकार हुआ। पिता की बाते उसे हमेशा प्रेरित करती रहती। हाइस्कूल की परीक्षा के दौरान कोरोना काल मे पिता की जान चली गयी तो पलक मानो टूट सी गयी। संकट काल मे माता प्रीतम बरनवाल व चाचा पंकज बरनवाल ने सम्बल प्रदान कर पिता की कमी महसूस न होने दी। 2023 में इंटर की परीक्षा की तैयारी के साथ ही पलक ने नीट की परीक्षा को अपना टारगेट बनाया। पिता की गैर मौजूदगी उसे तिल-तिल सालती रही, लेकिन उनके अरमानों को पूरा करने के लिए पलक ने कोई कोर कसर नही छोड़ा। नीट की परीक्षा ने पलक ने 720 के पूर्णांक में 677 अंक प्राप्त कर आल इंडिया में 1850 वा रैंक हासिल कर सभी को चौका दिया। बेलवा चुंगी पर स्पोर्ट्स व स्टेशनरी के कारोबारी चाचा पंकज बरनवाल कहते है बड़े भाई के निधन के बाद पलक को पिता की कमी महसूस होने नही दिया गया। भाव विह्वल होकर कहते है अब मेरे परिवार में भी एक चिकित्सक होगा। यह मेरे परिवार की बड़ी उपलब्धि है।

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