अवधनामा संवाददाता’
ललितपुर। नूतन वर्ष के आगमन पर कौमी एकता की प्रतीक साहित्यिक संस्था हिंदी उर्दू अदबी संगम के तत्वाधान में रामप्रकाश शर्मा के निवास पर एक कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता गीतकार एवं संगीतकार हर्ष जैन ने की। कार्यक्रम का संचालन संस्था के अध्यक्ष रामकृष्ण कुशवाहा एड. किशन ने किया। इस मौके पर सर्वप्रथम मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम को चार चांद लगाए गए। इस अवसर पर संचालन कर रहे रामकृष्ण कुशवाहा ने कहा दुनिया वाले हमसे अमन-चैन की आशा लगाए बैठे हैं नफरत के बाजार में हम मोहब्बत की दुकान सजाए बैठे है। रामस्वरूप नामदेव अनुरागी ने मोहब्बत का पैगाम देते हुए कहा दिलों में उजाला हो नफरत मिटा डालो। हार्दिक बधाई देने साहित्य संगम आ गया। अमित कुमार शर्मा गुना निवासी ने खूबसूरत शेर पढ़ते हुए कहा अजनबी शहर के अजनबी रास्ते मेरी तन्हाई पर मुस्कुराते है। विक्की रत्नाकर की गजल पर श्रोता झूम उठे, उन्होंने कहा गमों में एक खुशी को ढूंढना है समंदर में नदी को ढूंढना है। युवा कविकार प्रशांत श्रीवास्तव ने अपनी आवाज का जादू बिखेरते हुए कहा कामना है मेरी शुभकामना है सबके लिए बस ऐसा गीत होना चाहिए। महिला शक्ति की ओर से एकमात्र कवित्री है सुमनलता शर्मा चांदनी ने खूबसूरत गजल पेश करते हुए का खूबसूरत जिंदगी का यह सफर लगता है कभी फूलों का हार कभी कांटो का विस्तर लगता है। अध्यक्षता कर रहे हर्ष जैन ने पैगाम देते हुए कहा गमों में भी दोस्तों मुस्कुराना पड़ेगा जिंदगी एक गीत है इसे गुनगुनाना पड़ेगा। उपस्थित कवि शायरों में सरवर हिंदुस्तानी, एम.एल.भटनागर मामा, किशन सिंह बंजारा ने खूबसूरत रचनाओं से श्रोताओं का दिल जीत लिया। इस अवसर पर राजाराम खटीक एड., मनीष कुशवाहा, दयाचंद, राजेश, रेखा, दीप्ति गौड़, हर्षिता शर्मा, राजेश राठौर, बृजेश श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे। अंत में कार्यक्रम का संयोजन कर रहे रामप्रकाश शर्मा ने उपस्थित सभी आगंतुकों का आभार जताया।
नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान सजाए बैठे हैं…
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