अवधनामा संवाददाता
सोनभद्र/ब्यूरो बहुअरा गांव के भैरवागांधी टोले में एक छोटे से खपरैल के मकान में रहने वाले रामबाबू पिछले साल अचानक से तब चर्चा में आए, जब उन्होंने गुजरात में हुए राष्ट्रीय खेलों की पैदल चाल स्पर्धा में नए राष्ट्रीय रिकार्ड के साथ स्वर्ण पदक हासिल किया था।
एशियन गेम्स में 35 किमी की पैदल चाल स्पर्धा (मिश्रित टीम) में सोनभद्र के रामबाबू और मंजू रानी की जोड़ी ने कमाल कर दिया। दोनों की जोड़ी को कांस्य पदक मिला है।
एशियन गेम्स से बुधवार की सुबह सोनभद्र के लिए अच्छी खबर आई। पैदल चाल की 35 किमी मिक्स्ड टीम स्पर्धा में सोनभद्र के रामबाबू ने मंजू रानी के साथ कांस्य पदक जीता है। रामबाबू के कामयाबी की खबर सुनते ही जिले में खुशी छा गई। मजदूर किसान के बेटे रामबाबू ने इससे पहले राष्ट्रीय खेलों में नए राष्ट्रीय रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीता था।
बहुअरा गांव के भैरवागांधी टोले में एक छोटे से खपरैल के मकान में रहने वाले रामबाबू पिछले साल अचानक से तब चर्चा में आए, जब उन्होंने गुजरात में हुए राष्ट्रीय खेलों की पैदल चाल स्पर्धा में नए राष्ट्रीय रिकार्ड के साथ स्वर्ण पदक हासिल किया था। उन्होंने 35 किमी की दूरी महज 2 घंटे 36 मिनट और 34 सेकेंड में पूरी की थी। इससे पहले यह रिकार्ड हरियाणा के मुहम्मद जुनैद के नाम था। राष्ट्रीय खेल में जुनैद को हराकर ही रामबाबू ने स्वर्ण पदक जीता था। इसके बाद 15 फरवरी को रांची में आयोजित राष्ट्रीय पैदल चाल चैंपियनशिप में अपना ही रिकॉर्ड तोड़ते हुए 2 घंटे 31 मिनट 36 सेकेंड का समय निकाला। 25 मार्च को स्लोवाकिया में अंतरराष्ट्रीय स्पर्धा में प्रतिभाग करते हुए 2 घंटे 29 मिनट 56 सेकेंड में दूरी तय की। रामबाबू ने मधुपुर में पढ़ाई के दौरान ही एथलीट बनने का सपना देखा था। इसे पूरा करने के लिए उन्होंने गांव के कच्चे चकरोड पर अभ्यास शुरू कर किया। पिता छोटेलाल कृषि मजदूर के रूप में काम करते हुए बेटे को हरसंभव प्रोत्साहित करते रहे। कठिन परिश्रम से गांव के पगडंडी से निकल कर रामबाबू राष्ट्रीय फलक पर छाने में कामयाबी पाई।