बैंगन की खेती सब्जी के लिए पूरे वर्ष की जाती है लेकिन खरीफ में बैंगन की रोपाई का उचित समय अगस्त से सितंबर का प्रथम पखवाड़ा उचित होता है। इस समय इसकी रोपाई करने से किसानों को अधिक लाभ होगा। यह जानकारी शनिवार को चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के दिलीप नगर स्थित कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉक्टर अरुण कुमार सिंह ने दी।
उन्होंने बताया कि बैंगन में विटामिन ए तथा विटामिन बी के अलावा कैल्शियम, फास्फोरस और लोहे जैसे खनिज तत्व भी होते हैं उन्होंने बताया कि बैंगन की सेवन से रक्त में उपस्थित कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होता है। बैंगन में विटामिन सी बहुत अच्छी मात्रा में होता है जो प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है और शरीर को संक्रमण से मुक्त रखने में मदद करता है।
जाने बैंगन की खेती में अधिक लाभ पाने के लिए क्या करें उपाय
डॉक्टर अरुण कुमार सिंह ने बताया कि बैंगन की अच्छी खेती के लिए उचित जल निकास और उपजाऊ भूमि की आवश्यकता होती है। बैंगन की किस्म के बारे में बताया कि लंबे फल वाली बैंगन की किस्म आजाद क्रांति,पर्पल लॉन्ग, पूसा क्रांति आदि हैं। जबकि गोल फल वाली किस्म पूसा पर्पल राउंड और पंत ऋतुराज आदि प्रमुख किस्म है उन्होंने खेत मे रोपाई के पूर्व 200 से 250 कुंतल कंपोस्ट खाद खेत में समान मात्रा में डालने की सलाह दी। अंतिम जुताई के पूर्व 50 किलोग्राम नाइट्रोजन, 80 किलोग्राम फास्फोरस और 60 किलोग्राम पोटाश हेतु सलाह दी।उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक खेती करने में सामान्य किस्म में लगभग 250 से 350 कुंतल पैदावार प्रति है.होती है जब शंकर किस्म में साढे तीन सौ से लेकर साढ़े पांच सौ कुंतल प्रति हेक्टेयर पैदावार होती है।