ललितपुर। मेडीकल कॉलेज के महिला अस्पताल में बरतीं जा रहीं अनियमित्ताओं और व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ मंगलवार को अधिवक्ता संवाद ने अध्यक्ष पुष्पेन्द्र सिंह चौहान एड. के नेतृत्व में प्रदर्शन करते हुये प्रदेश की महामहिम राज्यपाल को संबोधित एक ज्ञापन अपर जिलाधिकारी अंकुर श्रीवास्तव को सौंपा। ज्ञापन में बताया कि मेडिकल कॉलेज में चिकित्सकों द्वारा उपचार न करना व कर्मचारियों द्वारा अनैतिक धन की मांग के मामले लगातार प्रकाश में आ रहे है लेकिन शासन व प्रशासन द्वारा कार्यवाही मात्र दस्तावेज तक ही सीमित रह जाती है।
छह सूत्रीय बिन्दुओं को दर्शाते हुये अधिवक्ता संवाद ने बताया कि विगत 19 फरवरी 2024 को मेडिकल कॉलेज स्थित रक्तकोष के पास 5 हजार रूपये में ओ ग्रुप का रक्त उपलब्ध कराने का मामला प्रकाश में आया था, जिस पर उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने जांच करने के निर्देश दिये। जिसके पश्चात प्राचार्य ने 4 सदस्यीय टीम गठित कर 8 दिन में जांच पूर्ण करने के निर्देश दिये, मामले की जांच हुयी, जिसके बाद मामला ठण्डे वस्ते में चला गया। जबकि रक्त का व्यापार एक गम्भीर मामला था। दूसरा मामला 23 फरवरी 2024 को जिला महिला अस्पताल के एस.एन.सी.यू. में भर्ती एक नवजात की देखरेख व डायपर देने की एवज में 500 रूपये की मांग की गयी थी जिसमें कुछ पैसे देने का वीडियो वायरल हुआ था, मामले में जांच बैठी इसके बाद कार्यवाही के स्थान पर राजीनामा की स्थिति बन गयी।
जबकि भारत वर्ष का संविधान नवजात शिशु की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। तीसरा मामला 28 फरवरी 2024 को जनपद के ग्राम खड़ोवरा निवासी एक युवक ने 3 हजार रूपये में एक यूनिट रक्त खरीदा था व दूसरी बार खून देने पर भी अधिक रूपये लेने की शिकायत की, अस्पताल प्रशासन ने कमेटी बनाकर जांच की व परिणाम शून्य रहा। जबकि यह अत्यंत गम्भीर प्रकृति का मामला था। 16 अप्रैल 2024 को जनपद निवासी एक व्यक्ति ने अपनी बहु के प्रसव हेतु अस्पताल में भर्ती कराया, जहां पर प्रसव के नाम पर 5500 रूपये की गयी जब तीमारदार ने रूपये लेने का कारण जाना तब विवाद की स्थिति बन गयी और विवाद का वीडियो वायरल होने के पश्चात् सामाजिक संगठन की शिकायत पर जांच शुरू हुयी,
बाद में उक्त मामला भी जांच अधिकारियों ने इतिश्री करते हुये मामला ठण्डे वस्ते में पहुंचा दिया। 28 फरवरी 2025 को ग्राम बरखिरिया निवासी सुशीला कुशवाहा ने महिला आयोग की सदस्या से बहु के प्रसव के नाम पर 6 हजार रूपये लेने की शिकायत की थी जिस पर जॉच टीम बनायी गयी व सम्बन्धित अधिकारी उक्त प्रकरण को भी ठण्डे वस्ते में भेजने का प्रयास कर रहे है। वर्तमान में 01 मार्च 2025 को प्रसूता की मौत होने व जिला महिला चिकित्सालय के चिकित्सकों पर लापरवाही के आरोप लगने के पश्चात भी कार्यवाही में शिथिलता जांच अधिकारियों की लापरवाही प्रदर्शित करती है।
अधिवक्ता संवाद ने महामहिम राज्यपाल से उक्त प्रकरणों में मेडिकल कॉलेज में तैनात प्राचार्य की भूमिका की भी जांच कराये जाने और लगातार लापरवाही व अनैतिकता का माहौल मेडिकल कॉलेज व महिला चिकित्सालय में बना हुआ है जिस कारण समस्त प्रकरणों की जांच माननीय उच्च न्यायालय प्रयागराज के पदस्थ न्यायाधीश से कराये जाने की मांग उठायी। ज्ञापन देते समय अध्यक्ष पुष्पेन्द्र सिंह चौहान एड., वरिष्ठ अधिवक्ता हरदयाल सिंह लोधी एड., शेर सिंह यादव एड., विकास झां एड., अंशुल पाठक एड., शशिकान्त राजपूत एड., शंकर एड., आशीष कुमार मित्तल, ए.के.राय, शिशुपाल सिंह लोधी एड., प्रदीप कुमार पाराशर एड. के अलावा अनेकों अधिवक्ता मौजूद रहे।