उपजिलाधिकारी ओबरा की कार्यप्रणाली से सरकार की छवि को लग रहा गहरा आघात-धर्मवीर तिवारी

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अवधनामा संवाददाता

सोनभद्र/ब्यूरो जब से मुख्यमंत्री माननीय योगी आदित्यनाथ जी ने उत्तरप्रदेश सरकार की कमान संभाली है तभी से वह भ्र्ष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति पर कार्य करते हुए प्रदेश की जनता के हित में फैसले ले रहे हैं।परन्तु कुछ अधिकारियों/कर्मचारियों की कार्यप्रणाली से सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति को गहरा आघात लग रहा है।कुछ इसी तरह की कार्यप्रणाली सोनभद्र में तैनात एक उपजिलाधिकारी की भी सामने आ रही है जो लगातार अपने कारनामों से चर्चा में रहते हैं।आपको बताते चलें कि अभी कुछ दिनों पूर्व ही जब वह घोरावल तहसील में उपजिलाधिकारी थे तो वहां के भाजपा मंडल अध्यक्ष की टीपर इस बात पर जबरियन पकड़ कर सीज कर चर्चा में आये थे कि उक्त मंडल अध्यक्ष ने जिले के प्रभारी मंत्री से यह शिकायत की थी कि घोरावल के उपजिलाधिकारी गिट्टी बालू लेकर परिवहन करने वाली ट्रकों से जबरिया वसूली कर सरकार की छवि को धूमिल करने में लगे हैं।इसके बाद उनका घोरावल तहसील से ट्रांसफर ओबरा तहसील में उपजिलाधिकारी के पद पर कर दिया गया।यहां भी उनकी कार्यप्रणाली कुछ इसी तरह की है। ताजा घटनाक्रम में जिलाधिकारी को कुछ ट्रक मालिकों ने ओबरा उपजिलाधिकारी के खिलाफ जिलाधिकारी को शिकायती पत्र देकर उनके द्वारा की जा रही वसूली के खिलाफ जांच कर कार्यवाही की मांग की है।ट्रक मालिकों द्वारा जिलाधिकारी को दिए प्रार्थनापत्र के मुताबिक पिछले सप्ताह की 16 मई को ओबरा के उपजिलाधिकारी द्वारा सड़क पर गिट्टी बालू लेकर परिवहन के लिए एम एम 11 के इंतजार में खड़ी कुछ ट्रकों को पकड़ कर थाने ले जाया गया क्योंकि उक्त ट्रकों पर वैध परिवहन प्रपत्र नहीं था।जब उक्त ट्रक मालिकों द्वारा उपजिलाधिकारी से सम्पर्क कर उन्हें छोड़ने का अनुरोध किया गया तो एक निश्चित रकम के बदले उनकी ट्रकों को छोड़ने की बात कही गई।इसके बाद उन ट्रक मालिकों ने यह भी आरोप लगाया है कि उक्त रकम के बदले उन ट्रकों को छोड़ भी दिया गया और ट्रक मालिकों ने यह भी आरोप लगाया है कि थाने की सीसीटीवी फुटेज में उक्त ट्रकों के अंदर आने व बाहर जाने के फुटेज से घटना की सच्चाई जानी जा सकती है।फिलहाल ट्रक मालिकों द्वारा दिये गए प्रार्थनापत्र को गम्भीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने अपरजिलाधिकारी को जांच अधिकारी नामित करते हुए जांच बैठा दी है और अपरजिलाधिकारी ने उक्त पत्र देने वाले ट्रक मालिकों को चिठ्ठी जारी कर उनसे लगाए गए आरोप के बाबत साक्ष्य उपलब्ध कराने के लिए समय दिया है।

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