अंबेडकरनगर राजकीय मेडिकल कॉलेज में स्वास्थ व्यवस्था का अहम जिम्मा संभालने वाले आउट सोर्सिंग कर्मियों को तीन माह से मानदेय नहीं मिला है । तकरीबन 480 आउटसोर्सिंग कर्मी विगत तीन माह से मानदेय की आस लगाए हैं । बताया जा रहा है कि सरकार ने मेडिकल कॉलेज को बजट ही नही दे रही है । शासन मेडिकल कॉलेज का बजट दबाए बैठी है और यहां तैनात कर्मियों की मुश्किलें बड़ गई हैं ।महामाया राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज में आउटसोर्सिंग के तहत तकरीबन 480 कर्मचारी काम कर रहे हैं । वार्ड ब्वाय से लेकर सफाई और दफ्तरी सहित तमाम पदों के काम का जिम्मा इन्ही आउटसोर्सिंग कर्मियों पर है । अस्पताल परिसर से लेकर पूरे कैंपस की सफाई का जिम्मा इन्ही कर्मियों पर है । प्रत्येक माह तकरीबन 70 लाख से अधिक रुपए इन कर्मचारियों के मानदेय पर खर्च होता है ।बताया जा रहा है कि सरकार आउटसोर्सिंग कर्मियों के मानदेय के लिए बजट नही दे रही है। मिली जानकारी के मुताबिक अक्टूबर माह से सरकार ने बजट नही दिया है । सरकार इन कर्मियों के मानदेय का तकरीबन दो करोड़ अस्सी लाख से अधिक रुपया दबाए बैठी है । कॉलेज जिस बजट की मांग करता है उसमे भी कटौती हो जाती है । कर्मचारियों को नवम्बर ,दिसंबर और जनवरी माह का मानदेय नहीं मिला है । सेवा प्रदाता कंपनी ने अपनी तरफ से अक्टूबर माह का मानदेय इन कर्मियों को दिया है । कर्मचारियों का कहना है कि तीन माह हो गया है मानदेय नहीं मिला । हम लोग अपनी ड्यूटी के मुताबिक दिन हो या रात हमेशा ड्यूटी भी करते हैं लेकिन पैसा समय से नहीं मिलता है । ऐसे में घर का खर्च कैसे चलेगा ।मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ आभास कुमार सिंह ने कहा कि शासन से बजट नही मिल पा रहा है । कई बार पत्र भेजा गया लेकिन बजट अभी नही मिला है । हम बजट के लिए प्रयास कर रहे हैं ।
आउटसोर्सिंग कर्मियों के चार माह का मानदेय दबाये बैठी है सरकार नहीं मिल रहा बजट
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