अवधनामा संवाददाता
तयं समय सीमा भी क्रास, फिर भी दो तहसीलों को जोड़ने वाले मार्ग का निर्माण अधर में
मिल्कीपुर-अयोध्या। दो तहसीलों को जोड़ने वाले मार्ग का कोई पुरसाहाल नहीं है। मार्ग निर्माण के लिए बनायी गई समय की गाइड लाइन भी फेल हो गई। मिल्कीपुर- बीकापुर दो तहसीलों को जोड़ने वाला संपर्क मार्ग पिछले एक वर्ष से अधिक समय से निर्माणाधीन है, लेकिन अभी तक निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया है। यह मार्ग राहगीरों के लिए दुश्वारियों भरा मार्ग साबित हो रहा है। बीकापुर तहसील के देवसिया पारा से इनायतनगर के आस्तीकन राजाबाबा तक प्रधानमंत्री ग्रामीण अभियंत्रण विभाग से प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क का निर्माण कार्य पिछले एक वर्ष से अधिक समय से चल रहा है। बताया गया कि विभाग द्वारा मार्ग निर्माण के लिए जो समय सीमा निर्धारित की गई थी, वह भी बीत गई, लेकिन सड़क का निर्माण पूरा नहीं हो पाया।
ठेकेदार ने काफी जद्दोजहद के बाद रूरूखास से रेवतीगंज तक मार्ग चलने लायक बना दिया, लेकिन रेवतीगंज के आगे से आस्तीकन तक रोड पर बड़ा-बड़ा बोल्डर बिछा कर छोड़ दिया है। यह स्थिति राहगीरों को काफी समय से झेलनी पड़ रही है। अभी पिछले महीने इसी बोल्डर बिछे मार्ग से संतों की चौरासी कोसी परिक्रमा भी संपन्न हुई थी। जिसमें काफी परिक्रमार्थियों के पांव में छाले पड़ गए थे। जिनका अगले पड़ाव आस्तीकन स्कूल में इलाज हुआ था। परिक्रमा संयोजक सुरेंद्र सिंह ने कहा था कि जीवन में पहली बार यह दुर्दशा देखने को मिली है।
बीकापुर के जयलाल मिश्र के पुरवा के पास विभाग द्वारा लगाए गए बोर्ड के मुताबिक पैकेज संख्या- यूपी 23122 के मार्ग की लंबाई 11.050 किलोमीटर है और इस मार्ग के निर्माण कार्य पूर्ण होने की तिथि 24.5. 2023 तयं की गई है। मार्ग के निर्माण में तकरीबन 658.50 लाख रुपए के खर्च आने का अंदाजा है। मार्ग निर्माण का ठेका में० सन कंस्ट्रक्शन कंपनी बस्ती के नाम से होना बोर्ड में लिखा गया है। लापरवाही का आलम यह है कि इस मार्ग के निर्माण कार्य को देखने के लिए लगाए गए विभागीय जेई आरके केसरवानी का मार्ग पर न तो कभी दर्शन होता है और न ही ये साहब किसी का फोन रिसीव करते हैं।इस मुख्य मार्ग पर जगह-जगह बड़े-बड़े बोल्डर व पानी निकासी के लिए पुलिया की खुदाई से समूचा मार्ग चलने लायक नहीं है। लोग आवागमन के दौरान गिरकर चोट खा चुके हैं। जहानपुर निवासी अवधेश सिंह ने कहा कि इस महत्वपूर्ण मार्ग के निर्माण में घोर लापरवाही की जा रही है। मार्ग निर्माण की गुणवत्ता भी प्रभावित हो रही है। लेकिन इधर किसी भी जिम्मेदार का ध्यान नहीं जा रहा है। घुरेहटा के रहने वाले योगेन्द्र कुमार ने कहा कि दस किलोमीटर मार्ग बनाने में वर्षों लग गया लेकिन अभी मार्ग नहीं बन पाया। जबकि रोड काली होने के अलावा मार्ग की पटरी का निर्माण, बाजारों में पक्की पटरी व नाली का निर्माण, रैम्प आदि कार्य रहते हैं। जिस रफ्तार से काम चल रहा है। यह कार्य होने में तो कई वर्ष लग जायेंगे। राकेश कुमार ने कहा कि मिल्कीपुर और बीकापुर दो तहसीलों को जोड़ने वाला मार्ग होने की वजह से इस मार्ग पर आवागमन काफी रहता है। मार्ग खराब होने की वजह से लोग अगल बगल के खेत खलिहानों व गांव की पगडंडियों से आ जा रहे हैं। मार्ग की दुर्दशा का आलम यह है कि अबतक कई लोग गिर कर चोटिल हो चुके हैं लेकिन जिम्मेदारों की सेहत पर कोई असर नहीं दिखाई दे रहा है।