हज़रत मुबारक खां शहीद का दरबार सभी के लिए खुला : इक़रार अहमद

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अवधनामा संवाददाता

 
हज़रत मुबारक खाँ शहीद(र.अ) का सालाना उर्स/ए-पाक 6, 7 व 8 मई को
गोरखपुर । हर साल की तरह इस साल भी हज़रत मुबारक खां शहीद बाबा का सालाना उर्स 6, 7 व 8 मई को मनाया जाएगा रविवार को दरगाह कमेटी के अध्यक्ष इक़रार अहमद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मीडिया को बताया कि पूर्वांचल व दूर दराज के जिलों से बड़ी संख्या में जायरीन मज़ार शरीफ का दर्शन करने गोरखपुर आते है।
जलसा ए दस्तारबंदी में शामिल होंगे तमाम उलेमा 
इक़रार अहमद ने बताया कि  6 जुलाई को रात में एशा की नमाज़ के बाद जलसा-ए-ईदमिलादुन्नबी (सअव) तथा सालाना जलसा-ए-दस्तारबंदी का प्रोग्राम रखा गया है जिसमे हज़रत अल्लामा गुलाम रसूल साहब किबला बलयावी मोहममीन इदारा ए शरिया, पटना(बिहार) व शहंशाहे तरन्नुम हज़रत रिजवान अत्तारी साहब शहजहाँपुरी व दीगर मुकामी उलेमा ए केराम तशरीफ़ ला रहे हैं।
ऐतिहासिक होगा गागर और चादर का भव्य जुलूस
 
दरगाह के सदर ने बताया कि 7 मई को भोर में 3.15 बजे ग़ुस्ल व संदल पोशी की रस्म अदा की जाएगी बाद नमाज़ फ़ज़्र कुरआन ख्वानी होगी। सुबह 10 बजे कुल शरीफ होगा तथा शाम को मगरिब की नमाज़ के बाद सरकारी चादर व गागर का शानदार जुलूस इरशाद अहमद बग्घी वाले के मिया बाजार आवास से निकलेगा। जुलूस में ऊंट, घोड़े, बग्घी और विंटेज कार आकर्षण का मुख्य केंद होंगे। जुलूस मियाबाज़ार, घोष कम्पनी, बैंक रोड, बक्शीपुर, नखास चौक, रेती चौक, घण्टाघर, पांडेयहाता, तुर्कमानपुर से होते हुए आस्ताना आलिया पर चादरपोशी के बाद समाप्त होगा।
अंतरराष्ट्रीय स्तर के कव्वाल करेगे शिरकत
दरगाह कमेटी के अध्यक्ष इक़रार अहमद ने बताया की मंगलवार रात में ईशा की नमाज़ के बाद महफिले शमा कव्वाली का कार्यक्रम किया जाएगा। 7 मई को दिन में 11 बजे कुल शरीफ का कार्यक्रम होगा जोहर की नमाज़ के बाद लंगर तकसीम तथा रात में ईशा की नमाज़ के बाद कव्वाली का कार्यक्रम होगा। उर्स-ए-पाक के दौरान 7 व 8 मई को अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त कव्वाल उर्स में अपनी प्रस्तुति करेगे।  इस वर्ष उर्स में तीन कव्वाल कार्यक्रम में शामिल हो रहे है जिसमे दिल्ली से वसीम साबरी बदायूं से जुनैद सुलतानी तथा कानपुर से मशहूर कव्वाल शरीफ परवाज़ शिरकत करेंगे।
सभी के लिए खुला है हज़रत का दरबार
अध्यक्ष इकरार अहमद ने बताया है कि हज़रत मुबारक खां शहीद का दर हर खासो आम के लिए खुला है। आस्ताना हिन्दू मुस्लिम एकता का अहम मरकज़ है यह ऐसा दर है जहां रूहानी व दुनियावी सुकून के साथ दिली मुरादे भी पूरी होती है। इन्ही बुजुर्गों ने इंसानियत को ज़िन्दा रख दुनिया के तमाम लोगो को सही रास्ते पर चलने की शिक्षा दी।
जिला प्रशासन से सहयोग की अपील
दरगाह कमेटी के अध्यक्ष इक़रार अहमद ने बताया है कि उर्से पाक के मौके पर जुटने वाली जायरीनों की भीड़ को देखते हुए प्रत्येक दिन सुबह शाम दरगाह परिसर में साफ-सफाई,पानी का छिड़काव, पानी के टैंकर की व्यवस्था,विधुत व्यवस्था, पुलिस सुरक्षा, सुलभ शौचालय के स्थायी टैंक सीवरेज की सफाई आदि की समुचित व्यवस्था जिला प्रशासन करे इसके लिए सभी विभागों को पत्र दिया जा चुका है।
आकर्षक का केंद्र होगा मेला
हज़रत मुबारक खां शहीद (र.अ) के तीन दिनों तक चलने वाले उर्स-ए-पाक के मौके पर जहाँ लोग बाबा से अपनी दिली मुरादे मांगेंगे वही इस अवसर पर लगने वाले मेले का भी जायरीन भरपूर आनंद उठाएंगे कमेटी ने मेले के आयोजन का मुकम्मल इंतेज़ाम किया है। यहां लोगों का मनोरंजन भी होगा। कमेटी ने इसका पूरा इंतजाम किया है। उर्स के मौके पर मेला सजकर तैयार हो रहा है। मेले में खानपान व मनोरंजन के सामान मौजूद रहेंगे। बच्चों व बड़ों के लिए तमाम तरह के झूले लगाए गए है।
विभिन्न धर्मों के अतिथि होंगे उर्स में शामिल
इस बार उर्स का मंच खास होगा मंच पर गंगा जमुनी तहजीब के साथ ही भारत के विभिन्न प्रांतो से आए अतिथि मौजूद रहेंगे अजमेर शरीफ दरगाह के गाड़ी मशीन और चिश्ती फाउंडेशन के अध्यक्ष सैयद सलमान चिश्ती की निगहबानी में उसकी दावत नामा लद्दाख के बौद्ध लांबा के अलावा भृगु पीठ के पीठाधीश्वर स्वामी सुशील महाराज चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के कुलपति व राज्यसभा सांसद बलवीर सिंह संधू के अलावा कर्नाटक राज्य के वरिष्ठ समाजसेवी रेड्डी ब्रदर्स भी शामिल होंगे।
इंतेजामिया कमेटी के लोग रखेंगे जायरीनों का ख्याल
 
उर्स के मौके पर प्रदेश के विभिन्न जिलों व प्रति से आए जायरीनों की देख रेख दरगाह कमेटी के उपाध्यक्ष शमशेर अहमद उर्फ शेरू, हाजी कलीम फरजंद, हाजी खुर्शीद खान व सैयद साहब अहमद की निगहबानी में शमशुल आरफीन इमामबाड़ा मुतवल्लियान कमेटी के अध्यक्ष अब्दुल्ला वरिष्ठ काउंसलर खैरुल बशर सादिक कलीम, मुर्तजा हुसैन रहमानी, कमरुल हक उर्फ बाबी, कुतुबुद्दीन, रमजान, गुलाम फरीद उर्फ भानु हमजा खान, सैफ अंसारी, इमरान आदि  करेंगे। दरगाह पर दूर दराज से आये लोगों के ठहरने और खाने का भी इंतजाम किया गया है और उर्स के मौके पर जगह-जगह दरगाह के वालंटियर तैनात रहेंगे।
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