Wednesday, August 27, 2025
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शिक्षक बनें भारतीय जीवन-मूल्यों के प्रेरक प्रतीक : सौरभ मालवीय

सिद्धार्थनगर। रघुवर प्रसाद जायसवाल सरस्वती शिशु मंदिर इंटर कॉलेज में आयोजित नव चयनित आचार्य प्रशिक्षण वर्ग के सातवें दिवस रविवार की वंदना सभा में लखनऊ विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर, प्रख्यात राजनीतिक विश्लेषक एवं विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के क्षेत्रीय मंत्री सौरभ मालवीय ने अपने प्रेरणाप्रद वक्तव्य में कहा, कि शिक्षक केवल विषय ज्ञान का स्रोत नहीं, अपितु वह राष्ट्र की आत्मा का शिल्पकार होता है। उसका आचरण और जीवन भारतीय संस्कृति व चिंतन का जीवंत उदाहरण होना चाहिए।”

उन्होंने कहा कि भारत मात्र एक भू-राजनीतिक इकाई नहीं, बल्कि एक जीवंत सांस्कृतिक चेतना है। यहाँ शिक्षा का उद्देश्य केवल आजीविका प्राप्ति नहीं, बल्कि समग्र मानव निर्माण रहा है। श्री मालवीय ने कहा कि शिक्षक का व्यक्तिगत आचरण ही समाज की दिशा निर्धारित करता है। भारत के मनीषियों के आगे विदेशी आक्रांताओं को भी नतमस्तक होना पड़ा।

विद्या भारती के कार्य पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा, कि यह संस्था केवल शैक्षणिक गतिविधियों तक सीमित नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक पुनर्जागरण का नेतृत्व कर रही है। यहाँ का प्रत्येक शिक्षक एक आंदोलन का वाहक होता है, न कि केवल एक संस्था का कर्मचारी।

इस अवसर पर शिशु शिक्षा समिति गोरक्ष प्रांत के प्रदेश निरीक्षक राम सिंह जी ने अतिथियों का परिचय कराया।

विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. राजेश कुमार श्रीवास्तव ने मुख्य अतिथि का स्वागत अंगवस्त्र और श्रीफल भेंट कर किया।

कार्यक्रम में संभाग निरीक्षक कन्हैया चौबे, संस्कृति बोध परियोजना के प्रांत संयोजक दिवाकर मिश्र तथा समस्त प्रशिक्षार्थी बंधुओं की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।

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