नई दिल्ली। देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर संसद में दिए गए बयान के एक दिन बाद कई विपक्षी नेताओं ने गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधा और पूरे दिन सदन में चर्चा की मांग की। यह भी कहा कि 2024 के चुनाव से पहले गुलाम जम्मू-कश्मीर हासिल कीजिए।
जम्मू-कश्मीर के एक हिस्से पर पाकिस्तान द्वारा कब्जा करने के लिए जवाहरलाल नेहरू को दोषी ठहराते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा था कि पूर्व प्रधान मंत्री की ”दो बड़ी गलतियों” के कारण कश्मीर को वर्षों तक पीड़ा झेलनी पड़ी। अमित शाह के बयान पर लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि इस मामले पर पूरे दिन सदन में चर्चा होनी चाहिए। यह कोई छोटी बात नहीं है।
भारत का इतिहास सिर्फ अमित शाह ही नहीं जानते। और लोग भी जानते होंगे। देश की जनता को पता चलना चाहिए। अधीर रंजन ने कहा, जब 2019 में अनुच्छेद 370 को हटाया गया था, तो अमित शाह ने कहा था कि गुलाम जम्मू-कश्मीर को वापस लाया जाएगा। पीएम मोदी को सत्ता में आए 10 साल हो गए हैं। अटल बिहारी वाजपेयी छह साल तक सत्ता में थे। तो, भाजपा को कौन रोक रहा है? 2024 के चुनाव से पहले गुलाम जम्मू-कश्मीर को वापस ले लीजिए।
आपको पूरे भारत के सारे वोट मिलेंगे।नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा-उन्होंने (शाह) कहा था कि चुनाव के लिए एक तारीख दी जाएगी। लेकिन जब भाषण खत्म हुआ तो कोई तारीख नहीं दी गई। हमें इसका अफसोस है। हमारी मांग है कि चुनाव होने चाहिए। पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा कि अगर अमित शाह वास्तव में कश्मीरी पंडितों को लेकर गंभीर होते तो नामांकन के बजाय यहां सीटें आरक्षित करते।