लखनऊ। लोक संस्कृति शोध संस्थान द्वारा प्रतिमाह आयोजित की जाने वाली ‘दादी-नानी की कहानी’ श्रृंखला में लोक कथा सोंठ-गाँठ सुनायी गयी। शनिवार को फेसबुक लाइव में लोक विदुषी डा. विद्या विन्दु सिंह ने बच्चों से अच्छाई के रास्ते पर चलने, हाथ धोते रहने, ठंढ से बचने और घर से अनावश्यक बाहर न निकलने की बात समझायी।
कहानी की शुरुआत सोंठ और गाँठ नाम की दो रानियों से होती है जिनकी एक-एक बेटियाँ भी हैं। गाँठ की बेटी पर उसकी सौतेली माँ द्वारा अत्याचार किया जाता किन्तु वह सब कुछ सह लेती थी। उसका रंग रूप बहुत अच्छा था। उसका विवाह नाग राजा से हो गया और वह सुखपूर्वक रहने लगी। यह खुशी सोंठ और उसकी बेटी से देखा नहीं गया। एक दिन योजना बनाकर उन लोगों ने राजकुमारी को पानी में धक्का दे दिया और उसकी जगह नाग राजा के घर सोंठ की बेटी चली गई। पानी में गिरी राजकुमारी बहते बहते नागराजा के क्षेत्र में पहुँच गयी। हैरतअंगेज घटनाक्रम के बाद कथा में नागराजा और उसकी असली पत्नी का मिलन होता है तथा राजकुमारी के कहने पर दोषी को क्षमादान मिल जाता है।
लोक संस्कृति शोध संस्थान की सचिव सुधा द्विवेदी ने बताया कि आनलाइन हुए इस आयोजन से सैकड़ों लोग जुड़े तथा इसे शेयर भी किया। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए अभी बच्चों के बीच न जाकर पिछले सात माह से फेसबुक लाइव के माध्यम से कथायें सुनाई जा रही हैं।