उर्वरक शक्ति बनाये रखने की लिए मृदा प्रबंधन अतिआवश्यक है: डॉ. सिंह

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अवधनामा संवाददाता 

प्रयागराज। सी.एम.पी. पीजी कॉलेज के जंतु विज्ञान विभाग में वर्मी कंपोस्ट एवं वर्मी कल्चर नामक शॉर्ट टर्म कोर्स के अंतर्गत डॉ. मनोज कुमार सिंह, मृदा वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केंद्र, कौशांबी ने बुधवार को ऑनलाइन क्लास में बताया कि खेतो में वर्मी कंपोस्ट का प्रयोग करने से मिट्टी की उर्वरता बढ़ती तो है और साथ ही मृदा में वायु संचार भी बढ़ता है जिससे फसल की पैदावार भी बढ़ती है|
डॉ.सिंह ने बताया जिप्सम एक अच्छा भू सुधारक है यह क्षारीय भूमि को सुधारने का कार्य करता है। उन्होंने बताया कि जिप्सम अम्लीय मृदा में एल्युमिनियम के हानिकारक प्रभाव को कम करता है। गोबर की खाद या वर्मी कम्पोस्ट के उपयोग से क्षारीय मृदाओं की भौतिक, रासायनिक तथा जैविक क्रियाओं में सुधार होता है।
इस व्याख्यान में डॉ. सिंह का स्वागत डॉ ज्योति वर्मा, असिस्टेंट प्रोफेसर, जंतु विज्ञान विभाग, सीएमपी कॉलेज प्रयागराज ने किया। धन्यवाद ज्ञापन शॉर्ट टर्म कोर्स की उपसंयोजिका डॉ हेमलता पंत, असिस्टेंट प्रोफेसर,जंतु विज्ञान विभाग, सीएमपी कॉलेज प्रयागराज ने किया।
इस व्याख्यान में पुष्पम, अर्चना गौतम, वानीश्री वैश्य, अभिनव, लखन सिंह पासी, विनय कुमार त्रिपाठी, अर्शित राज, अभिषेक शुक्ला, कीर्ति कुमारी आदि छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।

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