एस. एन. वर्मा
अतीक-अशरफ हत्या कान्ड पुलिस के संरक्षण में मिडिया कर्मियों और भीड़ के बीच होना लोगो में प्रशासन और पुलिस पर संशय की निगाह खड़ी कर दी है। मुख्यमंत्री ने तत्काल जांच के आदेश देकर प्रशासन और पुलिस पर आ रही शंका को मिटाने का प्रयास किया है। तत्काल दो सिट का गठन किया गया एक जांच करेगी दूसरी निगरानी। मुख्यमंत्री द्वारा उठाये गये व्यापक कदमों से लोगो का भ्रम दूर हो जायेगा। वैसे जिस तेजी से जांच की दिशा में काम शुरू हो गया। उससे लोगो में विश्वास आ गया है कि हत्या माफिया दुनियां की आकस्मिक कारवाई है। बड़ा माफिया बनने के लिये बड़ा नाम करने के लिये तीनो नौजवानों ने मिलकर हत्या की है इसे कबूला है। इन तीनो का इतिहास अपराधिक है। माफिया दुनिया में बड़ा माफिया बनने के लिये किसी बड़े माफिया की हत्या का चलन पुराना है।
प्रयागराज के पुलिस कमिश्नर ने एडीसीपी के नेतृत्व में जिस एसआईटी का गठन किया है वह हत्या के मामले की वैज्ञानिक विवेचना करेगी। वैज्ञानिक विवेचना के पर्यवेक्षण के लिये प्रयागराज के डीजीपी ने एडीजी के नेतृत्व में अलग एसआईटी गठित कर दी है। सुरक्षा कारणों से तीनो हत्यारोपियों को नैनी जेल से प्रतापगढ़ जेल में भेज दिया गया है। न्यायिक आयोग के गठन की भी अधिसूचना जारी कर दी गयी है। आयोग इसी हफ्ते में जांच शुरू कर देगा।
एसआईटी ने भी चुस्ती दिखाते हुये छानबीन शुरू कर दी है। चुकि मुख्यमंत्री इस मामले में छाई धुन्ध को जल्द से जल्द साफ करना चाहते है, लोगो की गलत फहमियां दूर करना चाहते है इसलिये सभी जिम्मेदार अपने अपने स्तर से तेज गति से कारवाई शुरू कर दी। जांच रिपोट आने पर विपक्ष जो इस हत्या को लेकर जो मुद्दे उठा रहा है वह दूर हो जायेगा। चुनाव करीब आता जा रहा है विपक्ष भाजपा सरकार के विरूद्ध हवा बनाने के लिये हर तरह के प्रयास कर रहा है।
एसआईटी ने शाहगंज थाने से एफआईआर घटना कि रिपोर्ट और दूसरे सम्बन्धित दस्तावेज ले लिये है। कमिश्नर जांच एसआईटी को देते हुये कहा बड़ी संख्या में गवाहो के बयान होगे। काम तो बड़ा है ही क्योंकि अभी दस्तावेजी, इलेक्ट्रानिक और वैज्ञानिक साक्ष्यों का परीक्षण फरेन्सिक लैब में कराया जायेगा। दूसरी एसआईटी घटना से जु़ड़े सभी साक्ष्य चाहे परिस्थितिजन्य हो या डिजिटल हो या फोरेनसिक, हो सभी को समय से जुटवाने और उनके परीक्षण का काम करेगी।
इस मामले में याचिकायें, प्रार्थना पत्र, जमानत व अन्य अपील सुप्रीम कोर्ट हाई कोर्ट या जिला न्यायलय में दाखिल होते है तो जो की मुमकिन भी है क्योंकि कुछ लोगो को नाम के लिये अपील करने की आदत है, विपक्ष तो पहले से ही तैयार बैठा होगा। वह जांच को लम्बा से लम्बा घसीटना चाहेगा और इससे सरकार के खिलाफ हवा बनने के लिये इस्तेमाल करना चाहेगा। पर अधिकारियों को निर्देश दिये है कि कोर्ट के निर्देशों के अनुसार सभी वांछित कार्यवाई और जवाब समय से पूरी कराकर कोर्ट से जुड़ी पैरवी सुनिश्चित करेगी।
पुलिस तीनो शूटरों के बारे में पता लगा रही है। तीनो एक दूसरे को पहले से जानते थे। तीनो का अपराधिक बैकग्राउन्ड है। अभी तो तीनो कह रहे है वे बड़ा नाम करना चाहते थे। उनकी गतिविधियो से पता चलता है है तीनो खुद का रसूख बना जुर्म की दुनियां में बड़ा नाम बनाना चाहते थे। बात में शूटर्स खुलासा कर रहे है। बादां जेल में सजा काटने के दौरान सनी और लवलेश की मुलाकात हुई थी। इससे पहले सनी हमीरपुर जेल में पश्चिम उत्तर प्रदेश के गैगस्टर सुन्दर भाटी के सम्पर्क में आ चुका था। तीसरा साथी अरूण बान्दा प्रयागराज हाईवे पर बने एक ढाबे में मिला था।
अरूण एक लड़की के इश्क में उसके साथ वहां से भागने की तैयारी में था। वह ढाबे में काम करता था। तेवर उसके तीख रहते थे पर रोजी रोटी के लिये जुगाड़ करना पड़ता था। उसके दिल में कुछ बड़ा करने की इच्छा थी। सनी और लवलेश इस ढाबे में काम की तलाश में आते जाते रहते थे। सनी और लवलेश को प्रयागराज में अतीक के गुर्गो की वजह से कोई बड़ा काम नहीं मिल पाता था और जान का खतरा अलग बना रहता था। इसलिये ये लोग बड़े कामों में हाथ नही डालते थे। सनी और लवलेश एनसीआर में ठिकाना बनाना चाहते थे। अरूण ने उनके गैग में शामिल होने का प्रस्ताव रक्खा तो दोनो तुरन्त तैयार हो गये। तीनो एनसीआर शिफ्ट हो गये। वही सुन्दर भाटी के गैग से इनकी मुलाकात हो गई। पहले इनके लिये छोटे मोटे काम करते रहे और पैसे कमाते रहे। सम्पर्क गाढ़ा हो रहा था पैसा भी बढ़ रहा था। तीनो को यह जिन्दगी पसन्द आ गयी। पानीपत में अरूण पर दो मामले पहले से ही दर्ज थे। लवलेश परिवार सहित दोपहर से ही गायब हो गया। पुलिस ने उसके घर पर फोर्स लगवा दी थी। इन तीनो में अरूण ज्यादा खौफनाक अपराधी पहले से ही था। अवैध हथियार रखने को लेकर उस पर पहले से ही मामला दर्ज था। दूसरा अपराध एक झगड़े को लेकर था। दोनो में जेल गया था जमानत पर था।
पूरा किस्सा फिल्मी पट कथा का एक मसाला है। फिल्मी दुनियां में इस पर कारवाई शुरू हो गई होगी। जल्दी जल्दी कैश कराने के लिये फिल्म पूरा करने की होड़ भी लगी होगी। अभी तक अखबारों में पढ़ा आगे टीवी पर देख गया अब फिल्म देखने को तैयार रहे।