शिक्षा इनिशिएटिव ने उत्तर प्रदेश में प्रशिक्षकों के लिए तीन दिवसीय राज्य स्तर प्रशिक्षण शुरू किया

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लखनऊ: शिव नाडर फाउंडेशन के प्रोग्राम, शिक्षा इनिशिएटिव ने उत्तर प्रदेश में ICT-आधारित शिक्षण विधि पर प्रशिक्षकों के लिए अपना तीन दिवसीय प्रशिक्षण शुरू किया है। इस कार्यक्रम का उदघाटन डॉ पवन सचान, SCERT, UP ने किया और कक्षाओं में ICT के सकारात्मक प्रभाव के बारे में बताया, जिससे लिखने और पढ़ने की गति में सुधार आता है और विद्यार्थी की सीखने की क्षमता बढ़ती है। उन्होंने बल देकर कहा कि ICT कोई वैकल्पिक नहीं बल्कि पढ़ाने की शैली में सुधार के लिए बहुत ज़रूरी है। उत्तर प्रदेश के 15,000 से ज़्यादा स्कूलों में IT हार्डवेयर पहले ही स्थापित किया जा चुका है और इसका प्रभावी उपयोग हो रहा है।
मयंक सिन्हा एसोसिएट जनरल मैनेजर, शिक्षा इनिशिएटिव ने सभी को कार्यक्रम में सहयोग हेतु धन्यवाद देते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश में शिक्षा इनिशिएटिव आईसीटी कंटेंट के उपयोग से अधिगम को सुनिश्चित कर रहा है, शिव नाडर फाउंडेशन की मास्टर ट्रेनर्स का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे डीसी ट्रेनिंग, डायट प्रवक्ता,एसआरजी अपने जनपदों में शिक्षा आईसीटी कंटेंट के उपयोग हेतु प्रशिक्षण आयोजन कर इसको गति दे सकेंगे और उत्तर प्रदेश में शिक्षण व्यवस्था को नया स्वरूप दे सकेगें ।
शिक्षा इनिशिएटिव के IT हेड श्री प्रांजल बरुआ ने कहा कि ICT से स्वास्थ्य, आजीविका, खेती, और उद्योग सहित कई क्षेत्रों में लाभकारी परिवर्तन आ रहे हैं। यह विशेषकर प्राथमिक स्तर पर सिद्धांतों को समझने के लिए शिक्षा में क्रांति लेकर आ रही है। शिक्षा इनिशिएटिव के डायरेक्टर, श्री रोबिन सरकार ने सरकार के सहयोग से उत्तर प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए इस प्रोग्राम की एक दशक पुरानी प्रतिबद्धता पर बल दिया। शिक्षा इनिशिएटिव का उद्देश्य दूरदराज़ के ज़िलों तक स्कूलों में पहुँचकर विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है। श्री सरकार ने उत्तर प्रदेश में ICT सामग्री द्वारा विद्यार्थियों की पढ़ने की क्षमता बढ़ाने के लिए उनके प्रयासों की सराहना करते हुए अपना आभार व्यक्त किया। उन्होंने DIET लेक्चर्स, SRGs, और DC प्रशिक्षणों में हिस्सा लेने का आग्रह किया ताकि वो अपने ज़िलों में प्राथमिक स्कूलों में ICT-आधारित शिक्षण और कक्षाओं की शिक्षा में परिवर्तन लाने के लिए मार्गदर्शन कर सकें।
इस प्रशिक्षण में एक उत्तरोत्तर मॉडल का उपयोग किया जाता है, जिसमें शिक्षक तीन स्तरों पर समर्थ बनते हैं। पहले स्तर (राज्य स्तर) में 21 चयनित ज़िलों के एक DIET लेक्चर, SRG, और DC प्रशिक्षण को समर्थ बनाया जाता है। दूसरे स्तर में (ज़िला स्तर) में पहले स्तर के मास्टर प्रशिक्षक, ARP और गुणवत्ता समन्वयक को सशक्त बनाने का मार्गदर्शन करते हैं। तीसरे स्तर में ARP और गुणवत्ता समन्वयक सरकारी प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों को प्रशिक्षित करते हैं।
प्रीति शर्मा, अकादमिक हेड , शिक्षा इनिशिएटिव ने इस प्रशिक्षण मॉडल के अनेक फ़ायदों के बारे में बताते हुए कहा:
• राज्य स्तर के प्रशिक्षक शिक्षा में आधुनिक तकनीक का उपयोग और पढ़ने एवं पढ़ाने की प्रक्रिया में ICT के प्रभाव को समझ सकेंगे। उन्हें कक्षाओं में पढ़ाने और मूल्यांकन करने के लिए दीक्षा सामग्री, शिक्षा की SCERT-अनुमोदित ICT सामग्री, या किसी अन्य डिजिटल सामग्री का उपयोग करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि NIPUN के लक्ष्य हासिल हो सकें।
• ज़िला स्तर के मास्टर प्रशिक्षक स्कूलों में ICT के उपयोग की निगरानी करेंगे और स्वतंत्र रूप से आवश्यक प्रशिक्षण सहयोग देंगे।वो NIPUN उद्देश्य प्राप्त करने के लिए कक्षाओं में ICT-आधारित पढ़ने और पढ़ाने की विधि लागू करने में समर्थ होंगे।
• ब्लॉक स्तर पर शिक्षक कक्षाओं को संवादपूर्ण और रोचक तरीक़े से चलाने के लिए ICT का उपयोग करने में समर्थ होंगे, और विद्यार्थियों को बेहतर सैद्धांतिक समझ के साथ उनकी सीखने की क्षमता बढ़ा सकेंगे।
इस प्रशिक्षण का समापन 6 जुलाई, 2023 को होगा और हर स्तर में प्रतिभागी को DGSE, SCERT, और शिक्षा इनिशिएटिव, शिव नाडर से “ICT-आधारित शिक्षण विधि’ पर एक संयुक्त प्रमाण पत्र दिया जाएगा। डॉ सचान ने बताया कि ICT-आधारित शिक्षण विधि में शिक्षकों का प्रशिक्षण SCERT, UP के राज्य प्रशिक्षण कैलेंडर में एक नयी पहल के रूप में शामिल किया गया है।
शिक्षा इनिशिएटिव के बारे में
उद्देश्य: ‘‘एक समावेशी व सशक्त समाज के लिए साक्षरता’’
शिक्षा इनिशिएटिव (प्राथमिक शिक्षा कार्यक्रम) की शुरूआत सन 2012 में एक साक्षर व सशक्त देश बनाने के मिशन के साथ हुई। परिवर्तनकारी शिक्षा व एचसीएल टेक्नोलॉजी के प्रौद्योगिकी कौशल का उपयोग करने में शिव नाडर फाउंडेशन की विशेषज्ञता के साथ शिक्षा इनिशिएटिव ने एक ICT आधारित कार्यक्रम का निर्माण किया, जिसमें शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार कर अध्ययन की प्रक्रिया को उत्तम बनाने तथा विद्यार्थियों को संलग्न व प्रेरित करने के लिए उनमें कौशल का विकास करने की सामर्थ्य है। इसका उद्देश्य शिक्षा की मौजूदा समस्याओं को दूर कर इंटरैक्टिव कंटेंट एवं समय-समय पर आकलन प्रस्तुत करते हुए शिक्षा की प्रक्रिया को ज्यादा रोचक, मजेदार व प्रभावशाली बनाना है। इस समय शिक्षा इनिशिएटिव सीतापुर, गौतम बुद्ध नगर और बुलंदशहर में चल रहा है और इसका उद्देश्य एक ऐसे मॉडल का विकास करना है, जो पुनरावृत्ति योग्य, स्केलेबल एवं मापे जाने योग्य हो।
2016 में शिक्षा इनिशिएटिव का विस्तार शिक्षा+ के साथ प्रौढ़ शिक्षा तक किया गया। शिक्षा+ में भी ICT आधारित विधि का उपयोग किया जाता है, ताकि उन निरक्षर व्यस्कों को लिखना, पढ़ना एवं अंकगणित सिखाए जा सकें, जो औपचारिक रूप से स्कूल नहीं गए हैं। शिक्षा+ प्रोग्राम में लर्नर्स अलग अलग उम्र, संस्कृति, सामाजिक-आर्थिक वर्ग, भाषा, लिंग, प्रेरणा, क्षमता/अक्षमता एवं व्यक्तिगत रुचि के हैं। शिक्षा पहल उत्तर प्रदेश के 22 जिलों और 2000 स्कूलों में सक्रिय है। शिक्षा पहल ने उत्तर प्रदेश में महत्वपूर्ण प्रगति की है, यह 22 जिलों में संचालित हो रही है और 2000 स्कूलों को प्रभावित कर रही है। 200,000 से अधिक छात्रों और 57000 वयस्कों को साक्षरता कौशल से सशक्त बनाया गया है।
शिव नाडर फाउंडेशन के बारे में
शिव नाडर फाउंडेशन का गठन US$12.6 बिलियन के अग्रणी ग्लोबल टेक्नोलॉजी उद्यम-एचसीएल के संस्थापक, शिव नाडर द्वारा 1994 में किया गया। यह फाउंडेशन लोगों को परिवर्तनकारी शिक्षा प्रदान कर एक समान, योग्यता-आधारित समाज के निर्माण के लिए समर्पित है तथा सामाजिक-आर्थिक अंतर को दूर करना चाहता है। पिछले 27 सालों में फाउंडेशन ने साक्षरता, K12 व उच्च शिक्षा के अपने मुख्य संस्थानों द्वारा 36,000 से ज्यादा विद्यार्थियों व एलुमनी को लाभान्वित किया है। आज इस फाउंडेशन के पास 100,000 से ज्यादा लोगों का समुदाय है, जिनमें पूरी दुनिया में फैले इसके एलुमनी और विद्यार्थी ही नहीं, अपितु फैकल्टी सदस्य, कॉर्पोरेट एक्ज़िक्यूटिव्स एवं एक्सटेंडेड परिवार भी शामिल हैं।
फाउंडेशन ने अपने सात मुख्य संस्थानों एवं शिक्षा व कला के क्षेत्र में किए जाने वाले प्रयासों के लिए 1.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का निवेश किया है। मौजूदा समय में लगभग 14,000 विद्यार्थी एवं 2000 से ज्यादा फैकल्टी दुनियाभर में फैले इसके 22,000 एलुमनी समुदाय के साथ इस फाउंडेशन का हिस्सा हैं।
इस फाउंडेशन के विद्यार्थी दुनिया के सर्वश्रेष्ठ संस्थानों, जैसे अमेरिका के आईवी लीग एवं अन्य देशों जैसे ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर, चीन व यूके के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों में पढ़ने के लिए गए हैं। यहाँ के विद्यार्थी भारत तथा विश्व के मुख्य कॉर्पोरेशंस जैसे गोल्डमैन सैश्स, होंडा, एचपी, शिंडलर आदि में काम कर रहे हैं। फाउंडेशन के संस्थानों में फैकल्टी का चयन सर्वश्रेष्ठ भारतीय एवं अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों से किया जाता है, और उनका शोध व इनोवेशन पर गहरा केंद्रण होता है।
शिव नाडर फाउंडेशन ‘क्रिएटिव फिलांथ्रोपी’ के सिद्धांत का पालन करता है। यह एक शक्तिशाली मॉडल है, जो ऐसे संस्थानों का विकास करता है, जो निरंतर काम करें और भविष्य की पीढ़ियों को लाभान्वित करते रहें। इस दृष्टिकोण द्वारा दीर्घकालिक, हाई-इंपैक्ट, सामाजिक आर्थिक परिवर्तन के लिए सतत संस्थागत फिलांथ्रोपी सुनिश्चित होती है।
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