HomeMarqueeमौलाना कल्बे जवाद ने नागरिक संशोधन क़ानून का विरोध किया
मौलाना कल्बे जवाद ने नागरिक संशोधन क़ानून का विरोध किया
लखनऊ:मेरा बयान कुछ टीवी चैनलों पर नश्र किया गया मेरा बयान अधूरा दिया गया जिसकी से बहुत भयानक गलत फहमियां पैदा गयी हैं। मेरी तरफ मंसूब किया गया कि मैं ने नागरिक संशोधन क़ानून और NRC की हिमायत की है।
ये सरासर झूट है. मैं शुरू ही से नागरिक संशोधन क़ानून और NRC की मुखालिफत बयानात दे हूँ। मैं ने अपने बयानात में मुसलसल ये बात कही नागरिक संशोधन क़ानून से मज़हब की क़ैद हटाना चाहिए और ये शर्त हिंदुस्तान के संविधान के खिलाफ है। और अगर मज़लूम होने को बुनियाद बनाया गया है तो रोहिंग्या मज़लूम मुसलमान ,चीन में मज़लूम मज़ालिम का शिकार अहले इस्लाम और पाकिस्तान और अफगानिस्तान में बर्बरियत का शिकार हो रहे शिया मुसलमानों को भी शामिल करना चाहिए। NRC के लिए मैं ने शुरू ही से ये बयान दिया कि अगर ये क़ानून अभी सिर्फ आसाम के लिए जारी किया गया है अगर इसे पुरे हिंदुस्तान में जारी किया गया तो करोड़ों मुसलमान जो अपने आबाओ अजदाद के ज़माने से हिंदुस्तान में रहते आये हैं और हिंदुस्तान के जाएज़ शहरी हैं वो शहरियत से महरूम हो जायगे।
मेरी तजवीज़ ये थी कि हमारे बुज़ुर्ग उलेमाए किराम इस मामले में हमारी रहनुमाई करें और हुकूमत के ज़िम्मेदारों के सामने शर्तें रखें और अगर हुकूमत उन शर्तों को न माने तो पूरी ताक़त से कोई एहतेजाजी प्रोग्राम बनाएं। जिन में से एक एहतिजाज सिविल नाफरमानी भी हो सकता है। 20 करोड़ मुसलमान तय ले कि न कोई डॉक्यूमेंट जमा करेंगे और न कोई फार्म भरेंगे। ज़ाहिर है कि बड़ी से बड़ी हुकूमत भी 20 करोड़ लोगों को उनके घरों से निकल कर कैम्पों में नहीं रख सकती। मैं ने अपने बयान में जामिया मिल्लिया इस्लामिया और मुस्लिम यूनिवर्सिटी में पुलिस के मज़ालिम और बर्बरियत की भरपूर मुखालिफत की है। मैं ने मुतालिबा रखा है कि ज़ालिम पुलिस वालों पर सख्त कार्रवाई हो और जो पुलिस ने तोड़फोड़ की है उसका हरजाना हुकूमत अदा करे जो लोग तहरीक में सनेह हुए हैं उन्हें 25 लाख के हिसाब से मुआवज़ा दिया जाये।
मुश्किल ये है कि अक्सर मुस्लिम तंज़ीमें और उलेमा खामोश हैं। मैं कल शब में कुछ शिया सुन्नी उलेमा के साथ नदवातुल उलेमा गया था और हज़रत मौलाना राबे हसन नदवी की खिदमत में हाज़री दी थी और उनसे रहनुमाई की दरख्वास्त की थी तो उन्होंने माफ़ी मांग ली कि ये सियासी मामला है हम इसमें दखल नहीं देंगे उसके बाद प्रिंसिपल नदवातुल उलेमा हज़रत मौलाना सईदुल रहमान साहब से मुलाक़ात की उन्होंने भी माफ़ी मांग ली बल्कि ये भी कहा कि नदवातुल उलेमा में जिन तलबा लीडरों ने पुलिस पर पथराव करवाया है हम उन्हें सज़ा देंगे।
एक बहुत सच्चाई बयानात में रही वो ये कि आज जो सियासी पार्टिया मुसलमानों के लिए मगरमछ के आंसू बहा रही हैं जब उनकी हुकूमते रहीं तो उन्होंने मुसलमानों की जड़ें काट दिन। ये पार्टिया खुद लाखों मुसलमानों की क़ातिल हैं। उनकी मज़ालिम और नइंसाफियों के बयान के लिए सैकड़ों सफ्हों की किताब चाहिए बस इतना लीजिये कि आज मुसलमान दलितों से बदतर हैं उसका ज़िम्मेदार कौन हैं ?
इस लिए मैं ने कहा कि इन दोगली पार्टियों से मुसलमान होशियार रहें ताकि ये मुसलमानों की लाशों पर अपनी रोटियां न सेंक सकें।
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