राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के मौके पर परेड ग्राउंड में आयोजित हुई विज्ञान मॉडल प्रतियोगिता व प्रदर्शनी

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अवधनामा संवाददाता हिफजुर्रहमान

प्रदर्शनी व विभिन्न मॉडल का डीएम व एसपी ने किया अवलोकन

प्रथम ,द्वितीय व तृतीय स्थान पाने वाले छात्र/ छात्राओं को डीएम व एसपी ने दिया नगद पुरस्कार

हमीरपुर : राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के मौके पर आज जनपद स्तरीय विज्ञान मॉडल प्रतियोगिता व प्रदर्शनी का आयोजन परेड ग्राउंड में संपन्न हुआ । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिलाधिकारी डॉ चंद्र भूषण व पुलिस अधीक्षक श्री शुभम पटेल ने विज्ञान मॉडल प्रदर्शनी का अवलोकन किया तथा प्रदर्शनी में छात्र-छात्राओं द्वारा बनाए गए विभिन्न विज्ञान मॉडलों का अवलोकन किया ।
इस मौके पर जिलाधिकारी ने कहा कि आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है। प्रत्येक व्यक्ति विज्ञान से जुड़ा रहता है । सभी विद्यार्थियों के अंदर वैज्ञानिक सोच तथा विचारधारा होनी चाहिए। विद्यार्थियों को अपने दैनिक जीवन की घटनाओं/ वस्तुओं का तार्किक विवेचन करना चाहिए । कहा कि यहां बच्चों में बड़ी प्रतिभाएं हैं बस इन्हें पहचान कर उन्हें बाहर लाने की आवश्यकता है। कहा कि शिक्षकों द्वारा ऐसे बच्चों को खोजा जाए जिनके अंदर नवाचारी सोच है ,इनका उत्साहवर्धन किया जाए तथा उनकी सकारात्मक चीजों को निकालकर बाहर लाने की आवश्यकता है। कहा कि आज का दिन उन सभी वैज्ञानिकों को याद करने का है जिन्होंने भारत सहित संपूर्ण विश्व को अपने आविष्कार से गौरवान्वित किया तथा मानव जीवन को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।
पुलिस अधीक्षक श्री शुभम पटेल ने कहा कि बच्चों द्वारा अच्छे मॉडल तैयार किए गए हैं । इस प्रकार के मॉडल को धरातल पर प्रयोग में लाया जाए तो अनेक समस्याओं का हल निकल सकता है। कहा कि विज्ञान का प्रमुख उद्देश्य हमारी समस्याओं का बेहतर समाधान निकालना है। समस्याओं के समाधान निकालने हेतु विज्ञान रास्ता दिखाता है । कहा कि बच्चों द्वारा नवाचारी कार्य किए जाए।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता केंद्रीय विद्यालय संगठन लखनऊ में विज्ञान संचारक डॉ सुशील द्विवेदी ने बताया की आज रमन स्पेक्ट्रोस्कोपी के रूप में सी वी रमन की खोज का इस्तेमाल दुनिया भर की प्रयोगशालाओं में हो रहा है, इसकी मदद से पदार्थ की पहचान की जाती है। जब भारत से अंतरिक्ष मिशन चंद्रयान ने चांद पर पानी होने की घोषणा की तो इसके पीछे रमन स्पेक्ट्रोस्कोपी का ही हाथ था। फोरेंसिक साइंस में तो रमन प्रभाव का खासा उपयोग हो रहा है और यह पता लगाना आसान हो गया है कि कौन-सी घटना कब और कैसे हुई थी। दरअसल, जब खास तरंगदैर्ध्य वाली लेजर बीम किसी चीज पर पड़ती है तो ज्यादातर प्रकाश का तरंगदैर्ध्य एक ही होता है। लेकिन हजार में से एक ही तरंगदैर्ध्य मे परिवर्तन होता है। इस परिवर्तन को स्कैनर की मदद से ग्राफ के रूप में रिकॉर्ड कर लिया जाता है। स्कैनर में विभिन्न वस्तुओं के ग्राफ का एक डाटाबेस होता है। हर वस्तु का अपना ग्राफ होता है, हम उसे उन वस्तुओं का फिंगर-प्रिन्ट भी कह सकते हैं। जब स्कैनर किसी वस्तु से लगाया जाता है तो उसका भी ग्राफ बन जाता है। और फिर स्कैनर अपने डाटाबेस से उस ग्राफ की तुलना करता है और पता लगा लेता है कि वस्तु कौन-सी है। हर अणु की अपनी खासियत होती है और इसी वजह से रामन स्पैक्ट्रोस्कोपी से खनिज पदार्थ, कार्बनिक चीजों, जैसे- प्रोटीन, लिपिड ,डीएनए ,आर एन ए और अमीनो एसिड का पता लग सकता है।
मेडिकल के क्षेत्र में रमन स्पेक्ट्रोस्कोपी का उपयोग कोशिका और उत्तकों पर शोध के लिए डीएनए/आरएनए विश्लेषण में, लाइलाज कैंसर सहित अन्य बीमारियों को समझने में , रोग पैदा करने वाले रोगाणुओं का पता लगाने , आंतरिक पैकेजिंग को खोले बगैर नकली दवाओं का पता लगाने के लिए, औषधियों के गुणवत्ता निर्धरण में और तो और वर्तमान कोरोना वायरस के लिपिड और प्रोटीन की पहचान कर उसे पहचानने भी रमन स्पेक्ट्रोस्कोपी की मुख्य भूमिका रही l फॉरेंसिक साइंस के अंतर्गत हवाईअड्डे,रेल्वे स्टेशन की सुरक्षा के दौरान विस्फोटकों का पता लगाने पैकेट्स या बक्सों को बिना खोले उनके अन्दर विद्यमान विशिष्ट पदार्थों (जैसे मादक पदार्थों) के संसूचन (डिटेक्शन) में भी प्रयोग होता हैं । पेट्रोकेमिकलों और प्रसाधन सामग्रियों के निर्माण प्रक्रमों के अध्ययन, मॉनीटरन और गुणवत्ता निर्धरण में स्पेक्ट्रोस्कोपी का उपयोग किया जाता है ।भूगर्भशास्त्र और खनिज-वैज्ञानिक रत्नों और खनिजों की पहचान तथा विभिन्न दशाओं में खनिज-व्यवहार आदि का अध्ययन करने के लिए इस तकनीक का उपयोग करते हैं। सोना चांदी हीरों सहित अन्य धातु के आभूषणों की गुणवत्ता और गुणों के अध्ययन के लिए रमन प्रभाव का उपयोग किया जा रहा है।
इस मौके पर जनपद के विभिन्न विद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने कुल 76 विज्ञान मॉडलों का प्रस्तुतीकरण किया । जिनमें से 15 मॉडल को प्रमाण पत्र/ पुरस्कार प्रदान किया गया। प्रथम स्थान पाने वाले दिग्विजय कान्वेंट स्कूल सुमेरपुर के कक्षा नौ के छात्र शुभांशु को रुपए 3000 का नगद पुरस्कार दिया गया। द्वितीय स्थान पर जीजीआईसी हमीरपुर की छात्रा मानसी को 2000 का तथा तृतीय स्थान पर सरस्वती बालिका विद्या मंदिर राठ के छात्र अतुल राजपूत को 1000 के नकद पुरस्कार से जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक ने पुरस्कृत किया। इसके अलावा 12 अन्य मॉडलो में संबंधित छात्र छात्राओं को प्रशस्ति पत्र व मोमेंटो भेंट कर छात्र-छात्राओं का उत्साह वर्धन किया गया।
कार्यक्रम का संचालन लखनलाल जोशी ने किया।
इस मौके पर अपर जिलाधिकारी न्यायिक डॉ नागेंद्र नाथ यादव ,जिला विज्ञान क्लब के जिला संयोजक जीके द्विवेदी ,विभिन्न विद्यालयों के छात्र छात्राएं, शिक्षक आदि मौजूद रहे।

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