अवधनामा ब्यूरो
नई दिल्ली. मुम्बई पुलिस के निलंबित अधिकारी सचिन वाजे ने एनआईए की विशेष अदालत में खुद को बेकसूर बताते हुए बलि का बकरा बनाये जाने की बात कही. मुकेश अम्बानी के घर के बाहर मिली विस्फोटक लदी स्कार्पियो को वहां तक पहुंचाने और इस गाड़ी के मालिक मनसुख हिरेन की मौत के मामले में सचिन के शामिल होने का आरोप है.
उधर एनआईए की टीम ने सचिन वाजे के घर की तलाशी ली तो वहां से 62 कारतूस बरामद हुए. जबकि सचिन वाजे के पास जो सरकारी 25 कारतूस थे उनमें से केवल पांच कारतूसों के बारे में ही जानकारी मिली है. बाकी के 20 कारतूस क्या हुए इस बारे में सचिन वाजे ने कुछ नहीं बताया.
एनआईए का सचिन वाजे पर आरोप है कि उसने कई सीसीटीवी कैमरों और डीवीआर को खत्म कर दिया. इस सबके बावजूद सचिन ने अदालत से कहा कि उसे बलि का बकरा बनाया जा रहा है. स्कार्पियो मामले के बारे में सचिन वाजे ने कहा कि वह केवल डेढ़ दिन ही इस मामले में जांच अधिकारी रहा है. इस दौरान उसने वैसे ही जांच की जैसी कि उसे करनी चाहिए थी. सचिन ने अदालत से कहा कि इस मामले में वह अकेले जांच नहीं कर रहे थे. इसमें मुम्बई पुलिस की टीम भी शामिल थी.
एनआईए अदालत ने सुनवाई के बाद सचिन वाजे की पुलिस कस्टडी तीन अप्रैल तक बढ़ा दी. वकील ने अदालत से कहा कि वह जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं. वकील ने अदालत को यह भी बताया कि स्कार्पियो में जिलेटिन ही बरामद हुआ था यह जांच से साबित हो गया है. अदालत ने सवाल उठाया कि जब जांच में यह साबित हो गया कि कार में एक्सप्लोसिव मिला है बम नहीं. बगैर डेटोनेटर के जिलेटिन फट नहीं सकता है तो फिर अनलॉफुल एक्टीविटीज प्रिवेंशन एक्ट (UAPA) कैसे लगाया गया.
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एनआईए ने सचिन वाजे की कस्टडी बढ़ाने के लिए कहा था जिसे कोर्ट ने मंज़ूर कर लिया. तीन अप्रैल तक वह कस्टडी में रहेंगे.