कानपुर। रीजेंसी अस्पताल ने आपातकालीन और बाल चिकित्सा क्रिटिकल केयर विभाग द्वारा एक दिवसीय “पीडियाट्रिक इमरजेंसी सिमुलेशन ट्रेनिंग” का आयोजन किया । वर्कशॉप में उत्तर प्रदेश के कई मेडिकल कॉलेजों से करीब 40 प्रतिनिधि उपस्थित थे। प्रतिनिधियों को वास्तविक और सुरक्षित वातावरण में दर्दनाक मस्तिष्क की चोट, सेप्सिस, कार्डियक अरेस्ट और कार्डियक अतालता, सांस की तकलीफ जैसे अस्थमा और क्रुप आदि में चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों का सामना करने के लिए ट्रेन किया गया ।
मणिपाल अस्पताल, बैंगलोर से डॉ जाह्नवी करे; मैक्स अस्पताल, नोएडा से डॉ आशुतोष सिन्हा; बीएलके दिल्ली से डॉ रचना शर्मा और एम्स गोरखपुर से डॉ मनीष कुमार गेस्ट फैकल्टी के रूप में उपस्थित थे। बाल रोग विभाग, रीजेंसी अस्पताल से डॉ रश्मि कपूर, तरुण चंद्र, सीपी सिंह, प्रभा वर्मा और जया पांडे भी संकाय सदस्य के रूप में उपस्थित थे।
इस कार्यक्रम का उद्घाटन रीजेंसी हेल्थ के एमडी डॉ अतुल कपूर ने किया । उन्होंने कहा, “प्रौद्योगिकी में प्रगति और पिछले 2 दशकों में तेज गति के साथ, हमने देखा है कि सिमुलेशन के अनुप्रयोग महान ऊंचाइयों तक पहुंचते हैं और उभरती पीढ़ियों को प्रशिक्षण देने के दृष्टिकोण में क्रांतिकारी बदलाव करते हैं। मेडिकल टीम में मानवीय कारकों को संबोधित करके इसके सुधार पर ध्यान केंद्रित करके आज की डॉक्टरों की टीम को और अधिक कुशल बनाने के लिए सिमुलेशन एक बहुत प्रभावी उपकरण हो सकता है।
रीजेंसी हेल्थ के बाल रोग विभाग के प्रमुख डॉ रश्मि कपूर ने कहा, “डॉक्टरों को घटनाओं और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों से अवगत कराने के लिए सिमुलेशन आधारित प्रशिक्षण प्रदान किया गया था। इस तरह के प्रशिक्षण डॉक्टर को संकट की स्थिति में प्रदर्शन करने में मदद करते हैं और उन्हें गतिशील निर्णय लेने, नेतृत्व और टीम वर्क में प्रशिक्षित भी करते हैं। इन चीजों को पारंपरिक रूप से मेडिकल स्कूलों में नहीं पढ़ाया जाता है और इस कार्यशाला ने उन्हें प्रतिस्पर्धी और चुनौतीपूर्ण माहौल से परिचित कराने में सक्षम बनाया ।